-स्वास्थ्य विभाग की पहल
-वर्तमान समय में जिले के पाँच ब्लॉक में हो रहा है छिड़काव
-पन्द्रह दिन से अधिक रहे बुख़ार, तो हो सकता है कालाजार
शशिकांत ओझा
बलिया : कालाजार एक जानलेवा रोग है, जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है। अक्सर यह मक्खी ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के घरों या कच्चे घरों, दरारों, दीवारों आदि में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) ने बताया कि जनपद के 10 ब्लॉक के 35 गाँव कालाजार से प्रभावित हैं जिसमें कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिड़काव (आईआरएस) किया जाना है। छिड़काव का कार्य एक सितंबर से हो रहा है। वर्तमान में पाँच ब्लॉक में आईआरएस का छिड़काव किया जा रहा है। यह ब्लॉक हैं क्रमशः दुबहड़, मुरलीछपरा, मनियर, सोहाव, बैरिया।
पाँच ब्लॉक हनुमानगंज, बांसडीह, रेवती, चिलकहर, पंदह मे आईआरएस हो चुका है। इस छिड़काव की मदद से ग्रामीण इलाकों के मिट्टी के घरों में पनपने बालू मक्खी को खत्म किया जा सके।