-इलाज के दौरान निधन
-वाराणसी बीएचयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा था उसका इलाज
-अपने गांव के मेले से गायब हुई थी किशोरी, सुबह मिली थी खेत में
बलिया : वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में जीवन और मौत से जूझ रही किशोरी अंततः जिंदगी की जंग हार गई। शुक्रवार की सायंकाल सात बजे उसकी मौत हो गई। पीड़िता के मौत की सूचना मिलते ही जहां क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं उसके पैतृक गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई।

नगरा थाना क्षेत्र के एक गांव की यह किशोरी शुक्रवार को सायंकाल अपने गांव में लगे मेले में गई थी और गायब हो गई। शनिवार को किशोरी अचेतावस्था में सिकरहटा गांव के समीप सड़क के किनारे मिली थी। उसके हाथ की नस कटी हुई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे पीएचसी नगरा ले गई, जहां चिकित्सक ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल से भी पीड़िता को बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया था। जहां उसका उपचार चल रहा था लेकिन उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। शुक्रवार को सायंकाल सात बजे पीड़िता की मौत हो गई। हालांकि पीड़िता को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों दल के नेता काफी गंभीर थे देखिए अब पुलिस और सरकार क्या कर रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह, बसपा विधायक उमाशंकर सिंह, सपा नेता पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह, भाजपा युवा नेता उत्कर्ष सिंह पीड़िता के परिजनों से मुलाकात भी किए। उमाशंकर सिंह विधायक ने पीड़िता के इलाज का खर्च उठाते हुए उसके पिता को 50 हजार की मदद मुहैया कराया था। वहीं भाजपा नेता उत्कर्ष सिंह ने भी पीड़िता के पिता को 21 हजार रुपये की मदद देकर सदैव साथ खड़े रहने का विश्वास दिलाया था। देखना अब है कि सरकार और सभी नेता दरिंदगी के आरोपियों संग क्या बर्ताव कर करा पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलाते हैं।