-विधिक जागरूकता शिविर
-अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल बलिया के प्रांगण में प्लान आफ एक्शन के अंतर्गत विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का आयोजन
बलिया : उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशन में ‘प्लान ऑफ एक्शन’ के अंतर्गत जनपद न्यायाधीश जितेंद्र कुमार पांडेय के आदेशानुसार शनिवार को विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल के प्रांगण में आयोजित किया गया। न्यायाधीश व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय बलिया सर्वेश कुमार मिश्र ने संविधान के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में कोर्ट में अधिक समस्याओं के लंबित होने से त्वरित न्याय हेतु लोक अदालत का समय-समय पर आयोजन होता है। इसमें पक्ष-विपक्ष की समस्या सुनकर त्वरित न्याय दिया जाता है। उन्होंने सीनियर क्लास के बच्चों को विधिक अंग्रेजी के क्लिष्ठ शब्दों का अर्थ को भी बेहतरी से बताया।
जिला जज कहा कि व्यक्ति को वक्ता से पहले एक अच्छा श्रोता होना चाहिए। हम न्यायाधीश पहले वादी-प्रतिवादी व वकील की बातों को ध्यान से सुनते हैं फिर विवेकपूर्ण न्याय देते हैं। उन्होंने बताया कि आपके जीवन में अभाव होना चाहिए। अभाव ही तो हमारे अंदर आगे बढ़ने का जुनून पैदा करता है। रामायण के प्रसंग का भी दृष्टांत दिया। उन्होंने न्यायालय के सामाजिक कार्य भी बताए। जैसे विधवा, वृद्धा पेंशन, बिजली, फोन बिल, आदि टैक्स जमा ना होने पर जनपद में फैले हमारे 80 पैरा लीगल वॉलिंटियर इन्हें मदद दिलाने में सहयोग करते हैं। महिलाओं का शारीरिक शोषण होने पर उन्हें 3:50 लाख या इससे भी अधिक सहायता राशि दी जाती है। बच्चों के साथ दुष्कर्म होने पर पास्को एक्ट के तहत अपराधी को सजा तो दी ही जाती है। बच्चों को भी 3:50 लाख व इससे अधिक की राशि सहायतार्थ दी जाती है। उन्होंने लीगल एंड क्लीनिक के बारे में विस्तार से चर्चा की जो जनपद के सभी तहसीलों में कार्यरत है और पीड़ित को विधिक सलाह प्रदान कर रहा है। कैरियर बनाने हेतु बच्चों को उन्होंने क्लैट की जानकारी दी। अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि आप मार्क्स पर नहीं बल्कि अपने क्वालिटी पर ध्यान दें। कभी हताश ना हों। इच्छुक बच्चे एल एल बी कर सफल अधिवक्ता बनकर मनचाहा पैसा कमा सकते हैं साथ ही न्यायाधीश, अभियोजन अधिकारी ,और अन्य विधिक छेत्र मे जाकर समाज को सेवा दे सकते है । कैरियर की तमाम रास्ते खुले हैं। बस आपके अंदर विशेषता व लगन होनी चाहिए। उन्होंने प्री लिटिगेशन व पोस्ट लिटिगेशन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने हाई स्कूल के टॉपर्स ऋषिकांत व सर्वकृतिका को मिठाई खिलाकर उन्हें महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए।
तहसीलदार सदानंद सरोज जी ने बच्चों को कैरियर संबंधित गाइडलाइंस व विधिक के व्यापक क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि आपके अंदर भौतिकवाद का भाव नहीं होना चाहिए बल्कि आध्यात्मिकता, नैतिकता, मर्यादा जैसे उच्च संस्कार होने चाहिए। आपको विलासता नहीं बल्कि विरासत संभालने का सामर्थ्य रखना है। हमारे पुरखों ने जो हमारे लिए किया है उसे अछुण्ण बनाए रखना है। गुरु का महत्व सबसे बड़ा होता है। आज शहर का प्रसिद्ध सनबीम स्कूल आप लोगों को तरह-तरह की सुविधाएं मुहैया करा रहा है। बस आपको अवसर का लाभ उठाना है और महत्वपूर्ण समय को कदापि नहीं खोना है।
विद्यालय प्रशासन द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता कुमार अमिताभ भी मौजूद थे। विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने बच्चों को ऐसे अवसरों का समुचित लाभ उठाने के लिए कहा और बताया कि हमें उच्च पदाधिकारियों का मार्गदर्शन अवश्य लेना चाहिए जिसमें हमारा कल्याण निहित है व उज्ज्वल भविष्य है। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अर्पिता सिंह ने अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए बच्चों को कोर्ट का महत्व व प्रासंगिकता बताया। इस अवसर पर प्रशासक एस के चतुर्वेदी , हेडमिस्ट्रेस ज्योत्सना तिवारी, कोऑडिनेटर पंकज सिंह, मिथिलेश पांडे, मोनिका दुबे, नवचंद्र तिवारी, जयप्रकाश यादव सहित आदि शिक्षकगण मौजूद थे।