

-जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया
-विश्वविद्यालय परिसर की बजाय कलेक्ट्रेट के गंगा बहुदेश्शीय सभागार में हुआ आयोजन
-जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय को कुलाधिपति ने दिया प्रशासिक भवन


शशिकांत ओझा
बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का छठवां दीक्षांत समारोह कलेक्ट्रेट स्थित गंगा बहुदेश्शीय सभागार में मंगलवार को संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री डा. रामचेत यादव रहे। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने भी सहभागिता की।



दीक्षांत समारोह की शुरुआत मां सरस्वती और जननायक चंद्रशेखर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। विश्वविद्यालय की संगीत विभाग टीम ने राष्ट्र गीत व विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्त ने अतिथियों को पुष्प देकर स्वागत किया। कुलपति प्रो गुप्त ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत किया। इसके बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक प्रदान करने वाले 42 होनहारों को कुलाधिपति राज्यपाल ने स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। दीक्षांत समारोह को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री रामचेत चौधरी और कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधित किया। राष्ट्रगान के बाद विश्वविद्यालय का छठवां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।
आगे बढ़ रही लड़कियां, पिछड़ रहे लड़के : कुलाधिपति
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि लड़कियाँ आगे बढ़ रही हैं। लड़के पिछड़ रहे है। लड़कियों को ज्यादा स्वर्ण पदक प्राप्त हो रहे हैं। कहा कि विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के लिए उपयोगी शिक्षा प्रदान करनी होगी। कौशल विकास के लिए आवश्यक शिक्षा उन्हें प्रदान करनी होगी। सरकार द्वारा युवाओं के लिए मुद्रा योजना, इंटर्नशिप योजना, स्टार्ट अप के लिए अनुदान आदि योजनाओं के तहत आर्थिक प्रोत्साहन/सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है। विश्वविद्यालयों को इसके लिए उपयुक्त विद्यार्थियों को तैयार करना होगा। उनकी सुप्त प्रतिभा को निखारना होगा। कुलाधिपति ने अपेक्षा की कि विवि समर्थ पोर्टल, नैक, पीएम उषा की बेहतर योजना के साथ तैयारी करे और अच्छा प्रदर्शन करे। राज्यपाल ने इस अवसर पर विवि की सभी उपाधियों को सांकेतिक रूप से डिजी लाकर पर अपलोड भी किया।
बलिया की कृषि विशेषता बहुत ही अजीब : मुख्य अतिथि
मुख्य अतिथि प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक पद्मश्री डाॅ. राम चेत चौधरी ने बलिया की कृषि संबंधी विशेषताओं का उल्लेख किया। कृषि संबंधी अनुसंधान के लिए उन्होंने युवाओं का आह्वान किया। कहा कि यहाँ कि स्थानीय वस्तुओं, उत्पादों की जी आई टैगिंग कराने की आवश्यकता है, इससे यहाँ की वस्तुओं की कीमत ब्रैंड वैल्यू बढ़ जायेगी। उन्होंने लगातार अनुसंधान और कर्मरत रहने का संदेश दिया। बताया कि जीवन की सार्थकता कर्मरत रहने में है, अवकाश को एक नये अवसर की तरह देखना चाहिए।

प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों और आंगनबाड़ी को दिया किट
छठवें दीक्षान्त के अवसर पर प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुलाधिपति ने स्कूल बैग एवं फलों की टोकरी प्रदान और किट प्रदान किया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गाँवों बसंतपुर, अपाइल, भरतपुरा, जीराबस्ती, ब्रह्माइन में विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षोत्सव के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएँ कराई गयी थीं। इन प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान और पुरस्कार मिला।

प्रशासनिक भवन का हुआ लोकार्पण
राज्यपाल बलिया आगमन के बाद सर्वप्रथम विश्वविद्यालय परिसर गयीं और वहाँ नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने नये भवन में आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था के लिए सजग किया। कहा कि नये भवनों के निर्माण के साथ ही उनके उपयोग के लिये आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्था की जरूरत पर बल दिया। कहा कि बिल्डिंग का मास्टर प्लान जरूरत के हिसाब से बनाया जाये। इंजीनियरों को इस बात का खयाल रखना चाहिए।

स्मारिका का हुआ लोकार्पण
इस अवसर पर स्मारिका ‘सृजन’, न्यूज़लेटर ‘अन्वीक्षण एवं ‘मंगलेश डबराल की काव्यानुभूति’ का लोकार्पण हुआ। स्मारिका के संपादक मंडल में डाॅ. संदीप यादव, डाॅ. दिलीप मद्धेशिया, डाॅ. नीरज सिंह, डाॅ. अभिषेक मिश्र, डाॅ. प्रवीण नाथ यादव, न्यूज़लेटर के संपादक डाॅ. प्रमोद शंकर पाण्डेय, डाॅ. सरिता पाण्डेय, डाॅ. अभिषेक मिश्र, डाॅ. संदीप यादव, डाॅ. नीरज सिंह और डाॅ. प्रवीण नाथ यादव सम्मिलित रहे। पुस्तक के लेखक डाॅ. सुरेश कुमार मिश्र थे।

दीक्षांत समारोह में 42 छात्र-छात्राओ को मिला स्वर्ण पदक
जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर अपनी कक्षा में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले कुल 42 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक वितरित किया गया। स्वर्ण पदक पाने वालों में 34 छात्राएँ और 8 छात्र हैं। छात्रा आयुषी कुमारी सिंह को चांसलर मेडल प्रदान किया गया।