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इक्कीस हजार दीपों से जगमगया जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय

-त्रिदिवसीय स्थापना दिवस संपन्न

-अंतिम दिन हुआ दीपोत्सव व सांस्कृतिक कार्यक्रम, मंत्री दयाशंकर सिंह ने किया सहभाग

शशिकांत ओझा

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बलिया :  जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय  के सातवें स्थापना दिवस के अवसर पर त्रिदिवसीय  समारोह में गुरुवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा अन्तर महाविद्यालयीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि दयाशंकर सिंह, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार रहे।

अपने उद्बोधन में मंत्री दयाशंकर सिंह ने युवाओं का आह्वान किया कि वे देश और समाज के विकास में प्राणपण से जुट जाएँ। विश्वविद्यालय  विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण का कार्य करते हैं। युवाओं के सर्वांगीण विकास में खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जिसका पूरा निर्वहन जेएनसीयू द्वारा किया जा रहा है।  मुख्य अतिथि दयाशंकर सिंह, राज्य मंत्री ( स्वंतत्र प्रभार ) परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश एवं कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय द्वारा अंतर महाविद्यालयीय क्रीड़ा प्रतियोगिता सत्र 2022-2023 में भाग लेने वाले महाविद्यालयों प्रथम स्थान पर मां नरहेजी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नरही, द्वितीय स्थान पर दूजा देवी महाविद्यालय रजौसी, सहतवार, तृतीय स्थान पर श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया और चतुर्थ स्थान पर रहे सतीश चन्द्र महाविद्यालय बलिया  को पुरस्कार वितरित किया गया। इसी क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘सृजन’सत्र (2022–2023) में प्रथम स्थान मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय बलिया, द्वितीय स्थान गुलाब देवी महाविद्यालय बलिया, तृतीय स्थान बांसडीह महाविद्यालय बांसडीह तथा चतुर्थ स्थान विश्वविद्यालय परिसर को प्राप्त हुआ।

दीपसंध्या में विश्वविद्यालय परिसर 21 हजार दीपों से जगमगा उठा

स्थापना दिवस समारोह के अंतिम दिन विश्वविद्यालय परिसर को दीपों से सवांरा गया। परिसर में दीपावली जैसा महौल बनाने में 21 हजार दीपों का इस्तेमाल हुआ। विश्वविद्यालय परिसर में दीपसंध्या का नजारा अलौकिक रहा। 

कुलपति के प्रयासों की अतिथियों ने की भूरि भूरि प्रशंसा

सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो लल्लनजी सिंह, पूर्व कुलपति, हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर, गढ़वाल और विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार  पाण्डेय रहे। प्रो लल्लन जी सिंह ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए कहा कि देश में 1200 के लगभग विश्वविद्यालय हैं उनमें जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय ने 750वां स्थान प्राप्त किया है, जिसके लिए मैं विश्वविद्यालय की कुलपति को धन्यवाद देता हूंँ और उनके प्रयासों की सराहना करता हूँ । एक विश्वविद्यालय को धरातल से उठाकर ऊंचाइयों तक ले जाने में एक कुलपति को अथक परिश्रम करना पड़ता है जो कल्पलता पाण्डेय जी ने किया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नियुक्ति करना लोहे के चने चबाने के बराबर होता है किंतु कुलपति जी ने यह भी कर दिखाया है। नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए भी  आपने कुलपति की प्रशंसा की । अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन और एकरूपता आदि की जरूरत है न कि किसी के उकसावे की । विद्यार्थियों को सफलता के लिए अपने जीवन में अनुशासन के मार्ग पर चलना चाहिए। कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की नींव की बात करते हुए  श्रद्धेय जननायक चंद्रशेखर जी, उनकी स्मृतियों और उनके विचार बिंदुओं को नमन किया । आपने बताया कि हमें अपनी ऊर्जा का सही स्थानांतरण तथा उसका सही उपयोग करना चाहिए ।

आपने बताया कि ‘खेलो इंडिया’ में  विश्वविद्यालय को 2 स्वर्ण पदक मिले  हैं।  आपने बताया कि बच्चों के चहुँमुखी विकास के लिए शिक्षा के साथ साथ खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अत्यंत जरूरी हैं। इसी उद्देश्य से  विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट की कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं । आपने यह विश्वास जताया कि यह विश्वविद्यालय चंद्रशेखर जी के विजन के अनुरूप कार्य करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।  सांस्कृतिक कार्यक्रम में शास्त्रीय नृत्य , तबला , गायन आदि के साथ बेटियों की मनोदशा को व्यक्त करता हुआ  नृत्य नाटक और वृद्ध माता  की दुर्दशा को बताने वाला लघु नाटक आदि प्रस्तुत किए गए। इस कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने सहभागिता  की और कार्यक्रम को सफल बनाया।

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