-पत्रकारों का आंदोलन
-दबाव में शासन ने धाराओं को किया कम पर अभी नहीं किया निर्दोष पत्रकारों को बाइज्जत बरी
-न्याय मिलने तक पत्रकारों की जारी रहेगी लड़ाई, 30 अप्रैल को मनोयोग से होगा जेल भरो आंदोलन
बलिया : पेपर लीक मामले में बेवजह फंसाए गए तीन पत्रकारों की रिहाई की मांग को लेकर चल रहा पत्रकारों के ‘संघर्ष’ को स्तरीय सफलता मिली। दबाव में शासन-प्रशासन ने गंभीर धाराओं को हटाया जिस कारण न्यायालय से जमानत मिल गई। पर आंदोलन कर रहे पत्रकारों को जीत मिलनी बाकी है।
सोमवार को तीनों पत्रकारों को कोर्ट से जमानत मिल गई और उन पर लादी गई संगीन धाराएं भी हट गईं। पेपर लीक मामले में अपनी नाकामियों तो छिपाने के लिए खबर प्रकाशित करने पर पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता को पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार कर लिया था। तीन साथियों की गिरफ्तारी से खफा जिले के पत्रकार ‘संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले आंदोलित हैं। आखिरकार पत्रकारों ‘संघर्ष’ रंग लाया और सुबूत न मिलने पर विवेचना में पुलिस को तीनों पत्रकारों पर लगाई गई संगीन धाराएं हटानी पड़ी। अब सिर्फ इन पर परीक्षा अधीनियम तथा 66 आईटी एक्ट शेष है, जिनकी तफ्तीश चल रही है। प्रकरण से संबंधित दो केसों में दिग्विजय सिंह व मनोज गुप्ता की जमानत पहले ही स्वीकृत हो गई थी। दो केसों में अजीत की जमानत भी हो चुकी थी। जमानत मिल जाना पत्रकार समाज के लिए राहत है पर आंदोलन मनोयोग से जारी रहेगा और विजय तक लाया पहुंचाना लक्ष्य है। प्रशासन ने पत्रकारों को ना ही बाइज्जत बरी किया ना ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निलंबित किया। पत्रकारों का क्रमिक अनशन जारी रहेगा और 30 अप्रैल को मनोयोग से जेल भरो आंदोलन किया जाना है।