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लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कुचला गया तो देश को गुलाम होने से नहीं रोका जा सकता : रामगोविंद

-पत्रकारों का आंदोलन
-पत्रकारों के क्रमिक अनशन वाली दरी पर पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष, दिया व्यापक समर्थन

बलिया : पेपर लीक मामले में फर्जी तरीके से गिरफ्तार किए गए तीन पत्रकारों की रिहाई की मांग के लिए आंदोलन अब धीरे धीरे उत्तर प्रदेश सरकार के गले की हड्डी बनने लगा है। सूबा ही नहीं देश भर में पत्रकारों की मांग जायज मानते हुए सरकार की थू थू हो रही है। जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष हो रहे क्रमिक अनशन की दरी पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे पूर्व मंत्री रामगोविंद चौधरी पहुंचे और पत्रकारों को व्यापक समर्थन दिया।

संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले डीएम कार्यालय परिसर में पत्रकारों का चल रहा क्रमिक अनशन शुक्रवार को नौवें दिन भी जारी रहा। पत्रकारों के क्रमिक अनशन पर पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष व बांसडीह के पूर्व विधायक रामगोविंद चौधरी ने पत्रकारों का सम‌र्थन करते हुए कहा कि अगर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कुचला गया तो देश को गुलाम होने से कोई रोक नहीं सकता है। इसलिए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बचाने के लिए हम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पत्रकारों के साथ हैं। कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति को कुचलना है। देश में चार स्तम्भ है। कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका एवं पत्रकारिता। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रोल पत्रकारिता का है जो सरकार की कमियों को उजागर करती है और सरकार की अच्छाइयों की सराहना भी करती है। कहा कि सच को उजागर करने वाले तीन निर्दोष पत्रकारों को सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने जेल भेजने का काम किया है। समाजवादी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता एवं मैं स्वयं पत्रकारों के साथ हूं। क्रमिक अनशन में सदर तहसील भरौली, नरही व चितबड़ागांव के पत्रकारों के एक बड़े पहुंचकर आंदोलन को धार दिया। वक्ताओं ने निर्दोष पत्रकारों की रिहाई की मांग करते हुए भ्रष्ट अफसरों के निलंबन की मांग की। इसी क्रम में पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता ने कहा कि बलिया के डीएम ने सच को उजागर करने वाले तीन पत्रकारों को फर्जी तरीके से गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया। भ्रष्ट अधिकारियों व शिक्षा माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने में रूह कांप जा रही है। अपनी कमियों को छुपाने के लिए जिलाधिकारी निर्दोष पत्रकारों को गिरफ्तार करने का काम किया है। उन्होंने शासन से मांग किया अविलंब पत्रकारों को रिहा किया जाए और भ्रष्ट डीएम व एसपी को बर्खास्त किया जाए। ग्रापए के जिलाध्यक्ष शशिकांत मिश्रा ने कहा कि डीएम ने अपनी काली करतुतों को ‌छिपाने के लिए हमारे तीन निर्दोष पत्रकार साथियों को गिरफ्तार कर जेल में डालने का काम किया है। लेकिन हम भी जब तक हमारे निर्दोष पत्रकार साथी बिना शर्त रिहा नहीं हो जाते, तब तक हम चैन से बैठने वाले नहीं है। यह आंदोलन लगातार चलता रहा। वरिष्ठ पत्रकार रणजीत मिश्रा ने कहा कि संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के द्वारा एक पखवाड़े से आंदोलन चलाया जा रहा है। जिसके समर्थन में बलिया ही नहीं पूरा प्रदेश व देश खड़ा हो गया है। हर वर्ग और हर तबका पत्रकारों के साथ खड़ा है। अब संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा द्वारा 30 अप्रैल को जेल भरो आंदोलन को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर मुकाम तक पहुंचाने का काम करेंगे।

पत्रकारों के क्रमिक अनशन को संबोधित करते (रामगोविंद चौधरी)

इस मौके पर अजय भारती, करूणा सिंधु सिंह, मकसूदन सिंह, शशिकांत ओझा, संजय तिवारी, अखिलेश यादव, अनिल अकेला, नरेंद्र मिश्र, प्रमोद मिश्र, मो अहमद हुसैन, रवि सिन्हा, दिनेश गुप्ता, ओमप्रकाश राय, गिरीश तिवारी, दिनेश यादव, अमित कुमार, मनोज चतुर्वेदी, मुकेश मिश्रा, राजू दुबे, शशिराज उर्फ सन्नी, सनंदन उपाध्याय, विक्की गुप्ता, जितेंद्र उपाध्याय, कैलासपति मिश्रा, प्रभात पांडेय, धनंजय तिवारी, कृष्णकांत पांडेय, हसन खां, कंचन सिंह, विवेक जायसवाल, राजकुमार यादव, रोशन जायसवाल, रत्नेश सिंह, अमित कुमार, सुनील दादा, दयाशंकर गुप्ता, विश्वनाथ तिवारी, राजू गुप्ता, उपेंद्र गुप्ता, ओंकार सिंह, श्रवण पांडेय, रामेश्वर पासवान, जयराम अनुरागी, जाकिर हुसैन, अरविंद गोंडवाना, माले नेता लक्ष्मण यादव, उपेंद्र, संजय सिंह, श्याम प्रकाश शर्मा, दिनेश गुप्ता, आसिफ जैदी, मुशीर जैदी, हरिबंश कुमार, पवन कुमार यादव, अवधेश पांडेय, मो साद अहमद, विश्म्भर गुप्ता, शंकर‌ सिंह, कमल राय, श्याम जी यादव, इमरान खां, संतोष उपाध्याय आदि रहे।

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