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उत्तर प्रदेश देश पूर्वांचल बलिया राज्य

पेपर लीक मामले में प्रशासनिक कुकृत्य, पत्रकारों की गिरफ्तारी ने पकड़ा और अधिक तूल

-पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन
-कलेक्ट्रेट परिसर में संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा ने प्रारंभ किया क्रमिक अनशन

बलिया : पेपर लीक मामले में जिला प्रशासन के कुकृत्य स्वरूप कार्रवाई में गिरफ्तार जिले के तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी ने अब अधिक तूल पकड़ लिया है। पत्रकारों को बाइज्जत बरी करते हुए रिहाई तथा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई को लेकर संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा द्वारा किये जा रहे आंदोलन के क्रम में सोमवार से कलेक्ट्रेट परिसर में क्रमिक अनशन शुरू हुआ। पहले दिन कोर कमेटी के सदस्यों के साथ सदर तहसील के पत्रकारों ने अनशन किया।

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सनद रहे कि 30 मार्च को होने वाली इंटर अंग्रेजी की परीक्षा का प्रश्नपत्र 29 मार्च को ही वायरल हो गया था।जिसको 30 मार्च के अंक में अमर उजाला ने प्रकाशित कर दिया। यह कदम जिलाधिकारी और जिला प्रशासन को नागवार गुजरा और प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को ही जेल भेज दिया। यह कदम प्रशासन ने परीक्षा मे होने वाली अपनी अवैध कमाई के राज को खुलने से नाराज होने के बाद उठाया गया।

बलिया का जब पत्रकार समुदाय मुखर होकर सड़कों पर उतरा तो यह प्रदेश व्यापी ही नहीं राष्ट्रवापी आंदोलन के रूप में आग की तरह फैलने लगा। एक तरफ जहां तीन पत्रकार जेल में है तो वही जिला प्रशासन के अधिकारी भी पत्रकारों के आंदोलन, लोकसभा में मामला उठने से कम परेशान नहीं हैं। अब देखना है कि अब जब आंदोलन प्रशासन के आंगन यानी कलेक्ट्रेट में क्रमिक अनशन के रूप में शुरू हो गया है, कब तक प्रशासन पत्रकारों की मांग को अनसुनी करता है। पत्रकारों के इस आंदोलन को समाज के सभी वर्गों व संगठनों तथा विपक्षी राजनीतिक दलों का समर्थन भी प्राप्त है।

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