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सरकार ने जेपी के सर्वोदय से अंत्योदय को जोड़कर देश का किया विकास : अमित शाह

-जेपी जयंती जनसभा

-लोकनायक जेपी की 120वीं जयंती पर सिताबदियारा में भव्य आयोजन

-गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा को किया सम्बोधित

शशिकांत ओझा

बलिया : लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर बिहार के हिस्से वाले उनके पैतृक गांव सिताबदियारा में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। केन्द्रीय गृहमंत्री ने जेपी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट परिसर में जयप्रकाश नारायण की आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण भी किया। भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में यूपी बिहार के हजारों जेपी में आस्था रखने वालों ने सहभाग किया।

जनसभा को सम्बोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि यूपी और बिहार की मिलन स्थान पर जेपी का जन्म हुआ था। जयप्रकाश नारायण का जीवन विशिष्ट रहा है। आजादी के लिए क्रांति के रास्ते भी लड़े। गांधी जी के बताए रास्ते पर भी चले। पूरा जीवन भूमिहीनों और दलितों-पिछड़ों के लिए गुजारा। जेपी का सबसे बड़ा योगदान सत्तर के दशक में देश में आपातकाल डाला गया तो उन्होंने आंदोलन किया। तब जेल भी गए। श्री शाह ने कहा कि मैं गुजरात से आता हूं जहां से इंदिरा गांधी के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृत्व जेपी ने किया। आपातकाल हटा तो विपक्ष को जेपी ने संगठित और एक किया। जेपी ने यह दिखाया कि परिवर्तन कैसे किया जाता है। देश में मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। वह आठ साल से जेपी के सर्वोदय के नारे को अंत्योदय के साथ जोड़कर देश का विकास किया। गरीब कल्याण की नई परम्परा जोड़ी है। ढाई साल तक हर गरीब को फ्री राशन देना हो या बिजली देना हो, मोदी जी ने दिया। हर गांव सड़क से जुड़ा। मैंने एक नारा सुना था, “अंधेरे में एक प्रकाश, जयप्रकाश-जयप्रकाश”। सम्पूर्ण क्रांति के नारे को मोदी ने सफल किया है। 1974 में जब जेपी ने बिहार में आंदोलन किया, तब सारी विचार धाराओं के छात्र एकत्रित हुए थे, जो जेपी का नाम लेकर जेपी आंदोलन से उपजे नेता आज सत्ता से चिपके हुए हैं, उनसे सहमत हैं क्या, इस पर लोगों ने ना में सिर हिलाया। बिहार के लोगों को तय करना होगा कि जेपी के रास्ते पर चलने वाली मोदी सरकार चाहिए कि सत्ता के लिए गठजोड़ कर सत्ता हथियाने वाले लोग चाहिए। 

-गंगा और सरयू के इस संगम स्थल का होगा समग्र विकास : योगी आदित्यनाथ

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मां गंगा और मां सरयू का आशीर्वाद इस क्षेत्र को प्राप्त है। यहां प्रतिवर्ष बाढ़ के बावजूद इस भूमि में पैदा हुए लोगों में जो जुझारूपन दिखता है। वह अलग ही दिखता है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में चले आंदोलन में देश के साथ पूरे बिहार ने हिस्सा लिया। लेकिन सरकार से बाहर रह कर के जिन महापुरुषों ने स्वतन्त्र भारत में अपने चिंतन से आगे बढ़ाया, उनमें जेपी अग्रणी थे। लोकतंत्र को कुचलने का जब कार्य हुआ तो बिहार कैसे शांत रह सकता था। सबसे पहले बलिया की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र के प्रति जितना सजग बिहार है, वह अभूतपूर्व है। देश की आजादी के बाद सबसे बड़ा आंदोलन जेपी ने किया। मोदी सरकार जेपी के सपने को साकार कर रही है। उज्ज्वला योजना का हवाला देते हुए कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में समाज के हर तबके के हितों के लिए बिना भेदभाव के कार्य हो रहा है। 135 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य जेपी, पं दीनदयाल और लोहिया के आदर्शों पर चल कर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने घोषणा किया कि जेपी की जन्मस्थली के बाद यूपी के बलिया के हिस्से में बाढ़ से सदैव के लिए मुक्त किया जाएगा। नदियों को चैनलाइज कर जल यातायात को आगे बढ़ाया जा रहा है। शीघ्र ही यहां गंगा और सरयू के संगम स्थल पर उत्तर प्रदेश सरकार समग्र विकास करेगी। इस अवसर जयप्रकाश नारायण स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त, संजय जायसवाल, नित्यानन्द राय, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, राधामोहन सिंह, सांसद राजीव प्रताप रूड़ी, सुशील मोदी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, नीरज शेखर, रवीन्द्र कुशवाहा, यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, विधायक केतकी सिंह, पूर्व विधायक संजय यादव, विनय कुमार व हरीश द्विवेदी, राजेश गुप्ता महिला भाजपा नेत्री स्मृति सिंह आदि थे।

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