शशिकांत ओझा
बलिया : मौसम में अचानक परिवर्तन बुधवार की सुबह हुआ। बारिश और तेज हवा का दौर लगभग एक घंटा चला। सुबह में मौसम के इस बदलाव का प्रभाव भले कम-ज्यादा पड़ा पर अन्नदाताओं पर इस बारिश और तेज हवा का बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
बारिश और तेज हवा से दलहन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। किसानों का मानना है कि बारिश से पूरी फसल जमीन पर सो गई है। एकाध दिन की धूप में फसल सूख जाएगी और मड़ाई के बाद सिर्फ भूसा ही निकलेगा। नुकसान के रेसियो पर किसानों का कहना था कि 85 फीसद नुकसान हुआ है।
किसान छविनाथ चौरसिया ने कहा कि प्रकृति ने किसानों के साथ यह अन्याय किया है। बारिश से दरहन पूरी तरह नष्ट हो गई है। इस बार श्रम भर भी उत्पाद नहीं होगा। किसान रमेश यादव ने कहा कि इस बार तो लागत भी नहीं मिलेगी। सब नुकसान हो गया। किसान डीएन चौधरी की माने तो इस बार दलहन की फसल मजदूर काटेंगे भी नहीं। किसान सुनील राम ने कहा कि इस बार प्रकृति की मार पड़ी है किसान बहुत नुकसान में हैं। करइल क्षेत्रों का इलाका दलहन फसल के लिए है। ऐसे में बुधवार सुबह की बारिश और तेज हवा ने किसानों की कमर तोड़ दिया है। किसान प्रकृति की कृपा बेहतर फसल देख काफी प्रसन्न थे प्रकृति के कोप को देख काफी मायूस हैं। फसल बेच कुछ बेहतर करने की उम्मीद रखने वाले (अन्नदाता) किसानों को काफी मायूसी मिली है।