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मां कपिलेश्वरी भवानी के दर्शन मात्र से पूरी होती सबकी मनोकामना

-वासंतिक नवरात्र

-गाजीपुर हाजीपुर नेशनल हाईवे 31 पर ही स्थित कपुरी गांव में है मां का मंदिर

शशिकांत ओझा

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बलिया : नवरात्र शारदीय हो या वासंतिक सभी देवी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है। भक्त अपनी मनोकामनाओं के साथ माता रानी के दर्शन को पहुंचते हैं और मातारानी का आशीर्वाद उन्हें मिलता भी है। इसी क्रम में माता कपिलेश्वरी भवानी के मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। मातारानी कपिलेश्वरी भवानी जनपद भर में ही नहीं पूरे पूर्वांचल में भक्तों के आस्था की केंद्र हैं, यहां दर्शन करने वालों की संख्या नवरात्र में अपार रहती है।

गाजीपुर हाजीपुर नेशनल हाईवे 31 पर बलिया जिला मुख्यालय से नौ किमी दूर एनएच पर ही मां कपिलेश्वरी भवानी का मंदिर है। किमवदंतियों की माने तो मातारानी की स्थापना कपिल मुनि ने की थी। कपिल के स्वर से मातारानी के नाम की उत्पत्ति हुई इसलिए उन्हें कपिलेश्वरी कहा जाने लगा। पहले माता गंगा यही से होकर बहती थीं। कपिल मुनि का आश्रम गंगा के तट पर यहीं था। एक बार तपस्या के दौरान ही कपिल मुनि ने एक पत्थर पर मातारानी की प्रतिमा उकेरी। उसी प्रतिमा को कपिल मुनि ने स्थापित कर पूजा प्रारंभ की। बाद में यह छोटा सा मंदिर बना।

धीरे धीरे भक्तों को जब मातारानी का आशीर्वाद मिलने लगा तो उन्होंने मंदिर को भव्य बनाना प्रारंभ किया। आज मातारानी की प्रतिमा और मंदिर भी भव्य है. पूर्वांचल भर के भक्तों की तादाद पूरे वर्ष दर्शन को आती रहती है परंतु नवरात्रि में भीड़ अपार होती है।

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