
-ज्ञान की गंगा
-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बैरिया शाखा का कैंप
-बैरिया धनुष यज्ञ मेला में शिविर लगाकर बढ़ाया श्रद्धालु जनों का ज्ञान


शशिकांत ओझा
बलिया : मानव के शरीर से यदि यदि आत्मा निकल जाए तो वह बिना काम के हड्डी और मांस का पुतला हो जाता है। आत्मा का महत्व बताने के लिए यह वाक्या ही पर्याप्त है। मानव शरीर के लिए तो मेडिकल साइंस ने बहुत दवाओं को बनाया है पर आत्मा के लिए कोई दवाई नहीं। आत्मा की दवा वर्तमान में मेडिटेशन (राजयोग) ही है इसे सभी को करना चाहिए।



उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बैरिया शाखा प्रभारी राजयोगिनी पुष्पा दीदी ने कहीं। वह बैरिया के धनुष यज्ञ मेला में आयोजित कैंप में आयोजित श्रद्धालु जन और मेलार्थियों को समझा रही थीं। मेले में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने मेडिटेशन शिविर आयोजित किया और मेला में आने वाले लोगों का आत्मीय ज्ञान बढ़ाया।

पुष्पा दीदी ने मंगलवार को शिविर में आगंतुकों को आत्मज्ञान बढ़ाने की जिम्मेदारी स्वयं संभाली। कहा इंसान खुद के अंतर देखने की बजाय बाहर देखने लगता है। यही कारण है कि वह परेशान रहता है। अगर इंसान खुद के अंतर देखे और आत्मा के अनुभवों को विचार कर अंगीकार करे तो कभी दिक्कत नहीं आएगी। शिविर में आधा दर्जन बहनों ने लोगों को राजयोग (मेडिटेशन) की महत्ता को बताया।
