
-नगर पंचायत चितबड़ागांव
-भूमाफिया लगातार कर रहे थे गड़ही का अतिक्रमण
-नगर पंचायत के पत्राचार पर भी मौन था राजस्व विभाग
-राजस्व निरीक्षक ने माना 300 डिस्मिल गड़ही का है रिकार्ड
-पैमाइश में नहीं मिली सफलता, विभाग ने मांगा एक दो दिन का समय
शशिकांत ओझा
बलिया : आदर्श नगर पंचायत चितबड़ागांव में भूमाफियाओं के अत्याचार आतंक प्रकरण अध्याय समाप्त ि के लिए अंततः नगर पंचायत चेयरमैन को मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री से पत्राचार करना पड़ा। लगभग तीन माह बाद राजस्व विभाग ने मान भी लिया कि यहां 300 डिस्मिल गड़ही का रिकार्ड है। एक दो दान में उसका सीमांकन होगा। गुरुवार को अंततः भूमाफियाओं की पहल पर पहली बार पानी फिरता दिखा।
नगर पंचायत चितबड़ागांव के वार्ड नंबर 5 ब्रम्ही बाबा नगर और वार्ड नंबर 13 जयप्रकाश नगर के मध्य में स्थित प्राचीन हकीम जी गढ़ही को भूमाफियाओं ने राजस्व विभाग के रिकार्ड से ही गायब करा दिया था और यहां लगातार अतिक्रमण कर रहे थे। पिछले कई महीनों से भू माफियाओं द्वारा लगातार मिट्टी भराई का कार्य भी किया जा रहा था। स्थानीय लोगों के शिक़ायती पत्रों को संज्ञान में लेते हुए ईओ धर्मराज ने उपजिलाधिकारी बलिया प्रभारी स्थानीय निकाय बलिया, थानाध्यक्ष चितबड़ागांव को पत्र देकर तत्काल हो रहे अतिक्रमण को रोकवाने और सीमांकन कराने के लिए पत्राचार किया। राजस्व विभाग की चुप्पी जहां लोगों को लगातार निराश कर रही थी वहीं भूमाफियाओं का रास्ता प्रशस्त कर रही थी। गत दिनों तो नायब तहसीलदार प्रदीप यादव ने मौका देखकर कह दिया कि राजस्व अभिलेखों में गड़ही है ही नहीं। फिर तो भू माफिया और तेजी से मिट्टी भराई कराने लगे। चेयरमैन अमरजीत सिंह ने अंततः मामले को मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया। चेयरमैन के पत्राचार करते ही गड़ही राजस्व विभाग के अभिलेख में 300 डिस्मिल दिख गई। गुरुवार को राजस्व निरीक्षक संजय यादव और क्षेत्रीय लेखपाल रंजीत सिंह, लल्लन यादव की टीम ने मौके पर पहुंचकर प्राचीन हकीम जी गढ़ही का सीमांकन करने का प्रयास किया किन्तु सफलता नहीं मिली। राजस्व विभाग की टीम बिना पैमाइश और सीमांकन किये ही वापस चली गये। राजस्व निरीक्षक संजय यादव ने बताया की अभिलेखों के परिक्षण के बाद लगभग 300 डिसमिल गढ़ही के नाम मिला है। जिसको एक दो दिनों सीमांकन कराते अतिक्रमण मुक्त करा दिया जाएगा। इस दौरान ईओ धर्मराज राम, चेयरमैन अमरजीत के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।