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आयोग शासन की चाल पूरी अब राजनीतिक दलों को चलना है अपना दाव

-निकाय चुनाव

-राजनीतिक दलों को अब बांटना है आरक्षण के हिसाब से टिकट

-सभी दलों में टिकट मांगने वाले नेताओं की है लंबी-लंबी कतार

शशिकांत ओझा

बलिया : नगर निकाय चुनाव की घोषणा के बाद आयोग और शासन ने आरक्षण पर अपनी चाल पूरी कर दी है। अब राजनीतिक दलों को आरक्षण के मुताबिक टिकट बांटना है। सभी राजनीतिक दलों के पास अभी भी सभी सीटों पर लड़ने की अपेक्षा वाले उम्मीदवारों की लंबी लंबी कतारें हैं। बात बलिया जिले की करें तो यहां राजनीतिक दलों का तनाव कम नहीं हुआ है। नगर पंचायत बैरिया और नगरा में ही सामान्य और अनुसूचित जाति जनजाति उम्मीदवार फेहरिस्त से हटे हैं। बाकी जगह जहां सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं वहां नेताओं ने अपने घर की महिलाओं का नाम उम्मीदवारी के लिए नामित कर प्रचार भी शुरू कर दिया है।

बात राजनीतिक दलों की करें तो भाजपा सपा और बसपा कांग्रेस, आप और अधिकार सेना की टिकट को लेकर फजीहत कम नहीं हुई है। जिले की दो नगरपालिकाओं में अगर कोई कीसी आरक्षण में आती तो कुछ उम्मीदवार ऐसे ही कम हो जाते। कुछ को समझा पार्टी किसी को उम्मीदवार बना लेती। बलिया नगर पालिका आरक्षित हुई भी तो महिला वर्ग के लिए। वैसे यहां भाजपा से दो तीन और सपा से एक महिला उम्मीदवार का दावा था। महिला सीट होते ही सभी ने अपनी मां या पत्नी या बहू को मैदान में उतारने का निर्णय कर लिया। मतलब जो लोग पहले टिकट का दावा कर रहे थे आज सभी मैदान में हैं। रसड़ा तो अनारक्षित ही है। उसी तरह की दशा नगर पंचायतों में भी है। बैरिया और नगरा में सामान्य और अनुसूचित उम्मीदवार हप गए हैं बाकी सबका दावा अभी उसी तरह का है।

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