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मातृ दिवस के उपलक्ष्य में आरके मिशन स्कूल में छात्रों का कवि सम्मेलन

-शैक्षणिक आयोजन

-कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों ने किया स्वरचित कविता का पाठ

शशिकांत ओझा

बलिया : मातृ दिवस के उपलक्ष्य में आरके मिशन स्कूल बलिया में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस कवि सम्मेलन में कक्षा नवम से द्वादश तक के छात्र-छात्राओं ने बड़े भव्य अंदाज में अपनी स्वरचित कविताओं द्वारा मां का महिमा मंडन किया। 

छात्रा समृद्धि सिंह ने कविता के माध्यम से मां को त्याग की प्रतिमूर्ति बताया। कक्षा द्वादश की छात्रा लकी सिंह ने  “धाम  माँ ही है व उनके प्रति सदा आदर सामान प्रदर्शित करने को कहा। कक्षा दसवीं की छात्रा तान्या सिंह ने ” माँ के रिश्ते में कोई मिलावट नहीं होती’ काव्य प्रस्तुत किया। कक्षा दसवीं की छात्रा वंशिका ने व्यक्त किया कि  माँ उदासी व खिन्नता का शमन करती है। कक्षा दसवीं की छात्रा इशिता श्रीवास्तव ने “माँ ऋण चुकाया नहीं जा सकता इसे सुनकर श्रोताओं को अभिभूत किया। कक्षा द्वादश की छात्रा रक्शा अफ़रोज़ ने मां के बिना जिंदगी नहीं होती व्यक्त किया। कक्षा दसवीं की छात्रा अमीना ने “माँ जन्नत का फूल है” व्यक्त किया। कक्षा नवम की छात्रा रिया सिंह ने ईश्वर से मां को महफूज रखने की प्रार्थना की। कक्षा नवम की छात्रा आंचल राधा पाण्डेय ने माँ के महत्व को काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। छात्र हर्ष ने माँ तो परम पुनीता है, माँ ही भगवत गीता सुनाकर वाहवाही लूटी। कक्षा नवम की छात्रा अनामिका व प्राजंलि ने माँ के महत्व को काव्य सृजन के माध्यम से प्रकट किया। छात्रा आयुषी चौबे व मेधा ने जिंदगी के मुश्किल को झेलती है माँ व्यक्त किया। छात्रा अनु यादव व आकांक्षा ने मां के प्रेम को अथाह सागर से तुलना किए। छात्रा साक्षी सिंह व रिया कक्षा द्वादश माँ एक अटूट रिश्ता है प्रकट किया।

कक्षा एकादश की छात्रा अदिति श्रीवास्तव ने “माँ के आंचल में हमें महफूज रखा है सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। कक्षा द्वादश की छात्रा निशा “कोई तो होता जो हमारे साथ होता कविता के माध्यम से माँ के महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य लाला रत्नेश्वर ने समस्त छात्र छात्राओं को मातृ दिवस के अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से शुभकामना प्रकट की। इस अवसर पर प्रबंधक  हर्ष श्रीवास्तव ने कहां कि माँ शब्द के महिमा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। मां एक अपरिभाषित  व अब्यक्त अटूट रिश्ता है। हमारी कामयाबी में मां का व मातृशक्ति का अहम योगदान होता है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में कवयित्री हिंदी शिक्षिका रंजना राय, श्वेता वर्मा, प्रशांत मौर्य, धर्मेन्द्र वर्मा, युग्म संचालक अदिति व परी का अहम योगदान रहा। इस अवसर पर समस्त शिक्षक व शिक्षिका उपस्थित रहे।

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