
-प्राकृतिक आपदा
-दियारा क्षेत्र में हजारो एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में विलीन


रविशंकर पांडेय
बांसडीह (बलिया) : सरयू (घाघरा) नदी अब जिले में अब खतरा बिंदु को को पार कर चुकी है। लगातार जलस्तर में वृद्धि के कारण लोगों में दहशत बना हुआ है। गुरुवार की सुबह को डीएसपी हेड पर 64.05 जलस्तर का मापन हुआ। जब कि खतरा बिंदु 64.01 है। वहीं उच्चत्तम खतरा बिंदु 66.00 है। चांदपुर में 57.38 हैं वहां भी खतरा बिंदु 60.24 है। जबकि शाम चार बजे जलस्तर 64.050 डीएसपी हेड पर मापा गया।



सरयू (घाघरा) नदी के लगातार जलस्तर में बृद्धि से इलाकाई लोग दहशत में है। हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में विलीन हो गई। दियारा क्षेत्र के रिगवन छावनी, नवकागाँव, बिजलीपुर, कोटवा, खादीपुर (मलाहीचक), सुल्तानपुर चक्की दियर, भोजपुरवा, टिकुलिया आदि गाँवों के किसानों के लगभग हजारों एकड़ खेत घाघरा में समाहित हो चुके हैं। तटवर्ती गांव की उपजाऊ जमीन को हमेशा की तरह इस बार भी धीरे-धीरे नदी काटकर अपने आगोश में ले रही है। जिससे इलाके के लोग परेशान हैं। नदी का रौद्र रूप देखकर किसानों के माथे की चिंता की लकीरें बढ़ गई है। विवशता तो ये है कि उन्हें अपनी जमीन को बचाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा। आए दिन नदीं सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन को अपने आगोश में ले रही है। पेड़ भी नदी में समाहित हो रहे हैं। जिससे दियारे के लोग भय में है। इनका कहना है कि अभी यह हालत है तो नदी का रौद्र रूप सामने आने पर क्या होगा। स्थिति कहीं 1998 की तरह तो नहीं हो जाएगी।