शशिकांत ओझा
बलिया : सनबीम स्कूल अपने अनूठे कार्यों के लिए जिले में सदैव विशिष्ट स्थान प्राप्त करता है। इसी क्रम में रविवार को वैज्ञानिक युग में विद्यार्थियों के अंदर हिंदी भाषा के प्रति प्रेम जगाने एवं उनमें रचनात्मकता का विकास करने हेतु विद्यालय प्रांगण में युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, लखनऊ तथा सनबीम स्कूल बलिया के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय साहित्य समारोह 2024 का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में देशभर के अनेकों प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कवियों एवं सम्मानित अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बता दें कि यह आयोजन पांच सत्रों में विभाजित था। कार्यक्रम की शुरुआत तुलसी वेदी पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत, दुर्गा सप्तशती आधारित नृत्य तथा जयशंकर प्रसाद की कविता बीती विभावरी पर सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में आए क्रमशः डॉ पीके सिंह (पूर्व सीएमओ) डॉ दीपक पाण्डेय सहायक निदेशक केंद्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली व पूर्व सचिव (भाषा एवं संस्कृति) भारतीय उच्च आयोग त्रिनिडाड एवं टोबैगो, डॉ जय प्रकाश तिवारी, युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय (पूर्व आईआरएएस) तथा अन्य वक्तागणों में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय पर्यावरणविद् डॉ गणेश पाठक, डॉ फूल बदन सिंह हिंदी विभागाध्यक्ष कुंवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया, प्रख्यात समीक्षक विजय कुमार तिवारी उड़ीसा, डॉ शिवकुमार सिंह कौशिकेय, डॉ० कविता कुमारी प्रसाद(जयशंकर प्रसाद की प्रपौत्री) जैसे कई अतिसम्मानित साहित्यकारों ने अपनी सहभागिता दी। इसी के साथ बलिया के कई प्रसिद्ध कवियों ने अपने सुमधुर काव्यपाठ से कार्यक्रम में उपस्थित सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उक्त कार्यक्रम क्रमशः जयशंकर प्रसाद (प्रथम सत्र), हजारी प्रसाद द्विवेदी (द्वितीय सत्र), मॉरीशस के प्रवासी साहित्यकार रामदेव धुरंधर (तृतीय सत्र) पर आधारित था। कार्यक्रम के अंतिम में उपस्थित कवियों का काव्यपाठ (गीतों का झरना) और उनका सम्मान समारोह था, जिनमें डॉ सविता सौरभ, सुभाष चंद रसिया, महेश चंद गुप्ता, मनीष मगन, आरएस विश्वकर्मा सहित बलिया के डॉ शशि प्रेमदेव, शिवजी पाण्डेय रसराज, मुक्तेश्वर पाराशर, बृजमोहन प्रसाद अनाड़ी, डॉ कादम्बिनी सिंह, नवचन्द्र तिवारी आदि थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में उद्घाटन सत्र में राजेश कुमार सिंह ‘श्रेयस’ की पुस्तक वीरवर लक्ष्मण मानस के मौन तथा धुरंधर जी की पुस्तक जहां भी आदमी का विमोचन किया गया। श्रेयस ने अपनी लिखी कुछ पुस्तकें विद्यालय को उपहार स्वरूप प्रदान की।
महर्षि भृगु मान पत्र से सम्मानित हुए साहित्यकार
सम्मान सत्र में उपस्थित कवियों और साहित्यकारों को महर्षि भृगु मान पत्र से सम्मानित किया गया। हिंदी विषय पर शोध कर रहे चार विद्यार्थियों को भी हजारी प्रसाद द्विवेदी सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह, प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह, विद्यालय प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी तथा विद्यालय की विभागाध्यक्ष मोनिका दुबे को युवा उत्कर्ष साहित्यक मंच द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रहे विद्यालय के विद्यार्थियों और कार्यक्रम प्रदर्शित करने वाले विद्यार्थियों को भी प्रतिभाग प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।