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संपूर्ण समाधान दिवस सिकंदरपुर में एक लेखपाल पर गिरी डीएम की गाज, हुआ निलंबित

-संपूर्ण समाधान दिवस
-जनता की समस्याओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी : जिलाधिकारी
-12 साल से लंबित वरासत का एक घंटे में निस्तारण का आदेश
-समाधान दिवस में प्रस्तुत हुईं 95 शिकायतें, 05 का हुआ मौके पर निस्तारण

शशिकांत ओझा

बलिया : सिकंदरपुर तहसील में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की कार्रवाई वाली गाज एक लेखपाल पर गिरी। जिलाधिकारी ने विरासत लापरवाही मामले में लेखपाल को निलंबित किया। संपूर्ण समाधान दिवस में 95 मामले प्रस्तुत हुए जिनमें पांच का मौके पर ही निस्तारण हुआ। शेष मामले संबंधित को सौंपा गया।


जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह की अध्यक्षता में फरियादियों की समस्याएं सुनी गईं। दूर-दराज़ से आए नागरिकों ने अपनी-अपनी शिकायतें अधिकारियों के समक्ष रखीं। संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान कुल 95 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 05 मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का निस्तारण गुणवत्ता पूर्वक एवं समयबद्ध ढंग से किया जाए। समाधान दिवस में भूमि से संबंधित मामलों की संख्या अधिक रही। इस पर डीएम ने संबंधित विभागों को समय रहते मामलों के निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान एक शिकायत में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों की भूमि का बिना अनुमति अन्य जाति के नाम बैनामा करने की बात सामने आई। जिलाधिकारी ने ऐसे सभी प्रकरणों की जांच कराने के निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि बिना परीक्षण के किसी भी बैनामे की अनुमति न दी जाए। शिकायतकर्ता पंकज कुमार, ग्राम चेतन किशोर तहसील सिकंदरपुर निवासी ने अवगत कराया कि मेरे स्व. पिता शिवानंद राजभर द्वारा वरासत प्रक्रिया पिछले 12 वर्षों से लंबित थी। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को एक घंटे के भीतर वरासत दर्ज करने के निर्देश दिए। मामले में लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी ने लेखपाल सुनील कुमार को निलंबित तथा कानूनगो संजय कुमार सिंह को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के आदेश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता की समस्याओं के समाधान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और शिकायतों का निस्तारण पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया जाए। इस अवसर पर एसडीएम सिकंदरपुर, तहसीलदार, सीएमओ एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।