-नगर पंचायत चितबड़ागांव का मामला
-अतिक्रमणकारियों ने दिखाया मुख्यमंत्री योगी जी के बहुचर्चित अतिक्रमण अभियान को ठेंगा
-राजस्व विभाग की टीम ने जिस जमीन को घोषित किया अतिक्रमण वाली उप पर भी निर्माण
मनीष तिवारी
चितबड़ागांव (बलिया) : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अवैध अतिक्रमण को लेकर काफी सख्त दिखाई दे रही है। अवैध गढ्ढों पर किए गए निर्माण पर आए दिन बुल्डोजर भी चलाए जा रहे है। इसको लेकर अतिक्रमणकारियों में दहशत का माहौल भी है, परंतु लगता है की इस आशय का आदेश चितबड़ागांव नगर पंचायत में नहीं शायद लागू होता है। अतिक्रमणकारियों ने तो मुख्यमंत्री के बहुचर्चित अतिक्रमण हटाने के अभियान को पूरीतरह ठेंगा दिखा दिया है।



विदित हो नगर पंचायत के तेलिया पोखरा पर लगभग 40 लोगों ने अतिक्रमण करके अवैध पक्का निर्माण करा लिया। स्थानीय लोगों की बार बार की जा रही शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए राजस्व विभाग की टीम ने पोखरे के रकबे की जांच पड़ताल और पैमाईश की। पैमाईश के बाद राजस्व टीम ने इन 40 लोगों के अवैध निर्माण को एसडीएम सदर ने पूरी तरह से अवैध घोषित करके इसकी सूचना अधिसासी अधिकारी को दी। एसडीएम सदर के जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिशासी अधिकारी ने संबंधित लोगो को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण को खाली करने का आदेश जारी कर दिया। नियत समय में खाली ना करने पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने की भी बात कही। इस आदेश के बाद अवैध अतिक्रमणकारियों में भगदड़ मच गई। तत्पश्चात इन सारे लोगों ने इस कार्यवाही के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण ली। जहां उच्च न्यायालय ने इन लोगों को फौरी राहत देते हुए 12 जुलाई तक स्थगन आदेश दिया था। परंतु आश्चर्य का विषय तो यह है की उक्त जमीन में कुछ लोगों द्वारा जोरों पर नया निर्माण कार्य जारी है और पूरा प्रशासनिक अमला आंखें बंद करके तमाशबीन बना हुआ है। एक तरफ जहां इन सारे निर्माण को राजस्व विभाग द्वारा अवैध घोषित किया जा चुका है और जमीन को पोखरे की जमीन घोषित कर चुका है, वहीं दूसरी तरफ उसी जमीन पर जो अवैध घोषित हो चुकी है तेजी से निर्माण कार्य होना प्रशासनिक अमले को कटघरे में खड़ा करता है। स्थानीय लोगों की माने तो पूरे मामले में नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों की मिलीभगत है, अन्यथा विवादित जमीन पर नया निर्माण कार्य संभव नहीं है
इस संबंध में जब ईओ चितबड़ागांव से वार्ता हुई तो बताया की विवादित जमीन उच्च न्यायालय के आदेश पर 12 जुलाई तक स्थगित है। तब तक उक्त जमीन पर किसी भी तरह का कार्य नहीं किया जा सकता है। मैं मामले को दिखवाता हूं।