Advertisement


7489697916 for Ad Booking
अन्य उत्तर प्रदेश देश पूर्वांचल बलिया राज्य

श्री शिवपुराण में हुई प्रथम पूज्य श्री गणेश की जन्म कथा

शशिकांत ओझा

बलिया : सवरूबांध गांव स्थित श्री निवास ओझा के निज निवास पर चल रहे चल रहे श्री शिव महापुराण के आठवें दिन प्रथम पुज्य देव श्री गणेश की जन्म कथा हुई।

Advertisement

7489697916 for Ad Booking

उतराखंड से पधारे कथा व्यास श्री खीमानन्द महाराज ने श्रोताओं से कहा शिवपुराण में भी भगवान गणेश के इस कथा के अनुसार, माता पार्वती ने एक बार अपने शरीर पर मैल हटाने के लिए हल्दी लगाई थी। इसके बाद जब उन्होंने हल्दी उबटन उतारी तो उससे एक पुतला बना दिया और फिर उसमें प्राण डाल दिए। इस तरह भगवान गणपति का जन्म हुआ। तब माता पार्वती ने द्वार पर बैठने के लिए आदेश दिया कि कोई भी अंदर ना आ पाए।

कुछ समय बाद भगवान शिव आए तो गणेशजी ने अंदर जाने नहीं दिया और विवाद शुरू हो गया। इससे शिवजी को क्रोध आ गया और विवाद ने युद्ध का रूप धारण कर लिया। युद्ध में शिवजी ने गणेशजी का सिर काट दिया। पार्वती जब बाहर आईं तो यह देखकर रोने लगीं। तब भगवान शिव ने गरूड़जी से कहा कि उत्तर दिशा की तरफ जाओ और जो भी मां अपने बच्चे की तरफ से पीठ करते सोई हो, उस बच्चे का सिर ले आना। तब गरूड़जी को हाथी के बच्चे का सिर दिखाई दिया और वह उसे ले जाकर शिवजी को दे दिया।

शिवजी ने सिर को शरीर से जोड़ दिया और प्राण डाल दिए। इस तरह गणेश को हाथी का सिर लगा। इस कथा मे श्रोताओं को संगीत का आनंदमय वातावरण बना कर आनंद विभोर कर दिया और इसमें सैकडों की संख्या मे लोग उपस्थित रहे। उदय शंकर चौबे, दीपक दूबे, लाल प्रकाश पाण्डेय, शंकर दूबे, प्रदीप पाण्डेय, रजिन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।

Advertisement


7489697916 for Ad Booking