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श्रीमद्भागवत कथा : इंद्रियों को वश में किए बिना नहीं मिल सकते भगवान : त्रिदंडी स्वामी

-आध्यात्मिक आयोजन पूर्ण

-विशाल भंडारे के साथ हुआ बघौना में श्रीमद्भागवत कथा का समापन

शशिकांत ओझा

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बलिया : प्रख्यात संत गंगापुत्र श्रीलक्ष्मीनारायण त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने कहा कि इंद्रियों को वश में करने करने वाला ही भगवान को प्राप्त करता है। त्रिदंडी स्वामी शुक्रवार को गड़हांचल के बघौना में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के अंतिम दिन श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने श्रीमद्भागवत का हवाला देते हुए कहा कि ‘स्वधर्म: निधनम श्रेय परधर्मो भयावह’ इसका अर्थ यह है कि दूसरे किसी भी धर्म से अपना धर्म श्रेष्ठ है। 

स्वामी जी ने श्रद्धालुओं से कहा कि धर्म के कारण ही हम मनुष्य माने जाते हैं। कथा पंडाल में बैठे हजारों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने करने वाला ही भगवान को पाता है। इसलिए इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करते रहना चाहिए। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को पाने के लिए गोपियों ने अपनी इंद्रियों को काबू में रखा था। त्रिदंडी स्वामी ने भविष्यवाणी की कि 2027 में भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा। इसके बाद अगले तीस सालों में पूरी दुनिया सनातन के रंग में रंग जाएगी। धरती पर सिर्फ सनातन ही बचेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन सालों में पृथ्वी पर भयंकर आपदाएं आएंगी। इसके बाद धरती पर सिर्फ सनातन धर्म ही बचेगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म 95 हजार करोड़ वर्ष पुराना है। किसी को भी अपने धर्म का परित्याग नहीं करना चाहिए। त्रिदंडी स्वामी की कथा के समापन के साथ ही भंडारा शुरू हो गया। जिसमें देरशाम तक हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। प्रसाद लेने के लिए राज्यसभा सांसद नीरज शेखर भी पहुंचे थे।

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