-शैक्षणिक कार्यक्रम
-निदेशक डा. अरुण सिंह गामा और प्रिंसिपल डा. अर्पिता सिंह ने हुए अभिभावकों से मुखातिब
शशिकांत ओझा
बलिया : यदि एक माली जागरूक हो तो बाग का प्रत्येक पुष्प अपनी सुगंध और सुंदरता के संग खिल जाता है। उसी प्रकार सक्रिय प्रबंध तंत्र व शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन एवं सही प्रयास से बालजीवन ज्ञान से प्रफुल्लित हो जाता है। आज के वैज्ञानिक युग में बच्चों को सही दिशा देने के लिए उचित मार्ग का चयन अभिभावकों एवम शिक्षकों की मुख्य चुनौती बनी हुई है। बच्चे के सामाजिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका विद्यालय की होती है क्योंकि यही वह अनुशासन और दायित्वबोध सीखता है।
इस व्यापारिक युग में बच्चों के लिए उचित विद्यालय का चयन करना एक ओर अभिभावकों के लिए अत्यंत कठिन है तो दूसरी ओर अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल अपने अतुलनीय और उत्कृष्ट प्रयासों से जिले में लोकप्रियता के प्रथम पायदान पर है। यह सिद्ध किया विद्यालय में भारी संख्या में उपस्थित अभिभावकों ने। गुरुवार को विद्यालय प्रांगण में सत्र 2024-25 के लिए प्रथम अभिभावक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे लगभग 400 अभिभावकों की उपस्थिति ने यह सिद्ध किया कि विद्यालय द्वारा किए जा रहे शैक्षिक कार्य को जिले में सराहा जा रहा है। उपस्थित अभिभावक विद्यालय की क्रियात्मक गतिविधियों और नवीन पद्धति आधारित शिक्षण प्रक्रिया को जानने हेतु अत्यंत उत्सुक थे। इस कार्यक्रम में अभिभावकों को विद्यालय के निदेशक और प्रधानाचार्या द्वारा संबोधित किया गया जिसमे उनके द्वारा अभिभावकों के प्रश्नों का निराकरण तथा पाठ्यक्रम को सरलता से स्पष्ट किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह “गामा” ने बताया कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए पठन पाठन के अतिरिक्त अनेकों शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन करता रहता है, जिसमे अनुभव आधारित शिक्षा मुख्य है। श्री सिंह ने बताया है कि आज उच्च स्तरीय कौशलयुक्त व्यापक होती आधुनिक शिक्षा का प्रभाव बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बच्चे तनावग्रस्त न हो इसका विशेष ध्यान विद्यालय में रखा जाता है। प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने इस कार्यक्रम में अभिभावकों को बच्चों की शैक्षिक कार्यों में निरंतर सहभाग करने की सलाह दी तथा विद्यालयीय गतिविधियों से अभिभावकों को परिचित कराया।