-उपलब्धि
-विद्यालय की प्रार्थना सभा में विजेता को किया गया सम्मानित
शशिकांत ओझा
बलिया : भाषा वह माध्यम है जो व्यक्ति के विचारों एवम कल्पनाओं को रुप प्रदान करती है। व्यक्ति अपने मन के भावों को शब्दों के द्वारा जीवंत रुप प्रदान कर सकता है। इस विचार को प्रमाणित कर दिखाया है बलिया के अगरसंडा ग्राम स्थित सनबीम स्कूल के कक्षा 12वीं के छात्र रेयांश नाथ पांडेय ने। जिसने अपनी सशक्त लेखनी द्वारा राष्ट्रीय पत्रलेखन प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर शीर्ष तृतीय में स्थान प्राप्त किया।
बता दें कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए भारतीय डाक विभाग द्वारा 2047 में भारतीय स्वरूप को लेकर देश के युवा की सोच एवम कल्पना को जानने हेतु अक्टूबर माह में विजन फॉर इंडिया 2047 विषय पर ढ़ाई आखर राष्ट्रीय स्तरीय पत्रलेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसके तहत 13 अक्टूबर 2022 को डाक विभाग बलिया द्वारा यह प्रतियोगिता आयोजित कराई गई थी।
कक्षा तीन से कक्षा 12वीं के अनेकों विद्यार्थियों ने भाग लिया था तथा 1000 शब्द सीमा में उन्होंने 2047 में भारत का स्वरूप कैसा होना चाहिए विषय पर अपने विचार व्यक्त किए थे। इस प्रतियोगिता का परिणाम जानकर संपूर्ण विद्यालय परिवार में हर्ष का वातावरण स्थापित हो गया है। इस उपलब्धि पर विद्यालय परिवार द्वारा प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में बतौर मुख्य अतिथि विपणन अधिकारी डाक विभाग अजित कुमार दुबे की उपस्थिति में प्रमाण पत्र , ट्रॉफी एवम पुरस्कार में प्राप्त 5000 रुपए द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रेयांश के अभिभावक की उपस्थिति भी वंदनीय रही।
वहां उपस्थित समस्त पदाधिकारियों क्रमशः विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय तथा सचिव अरूण कुमार सिंह ने रेयांश को इस अद्भुत सफलता हेतु बधाई ज्ञापित की। विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरूण सिंह ने रेयांश की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि साहित्य वह हथियार है जिसकी सहायता से हम जीवन के प्रत्येक युद्ध को जीत सकते है। हम जीवन में चाहे कितनी भी सफलता प्राप्त कर ले किंतु भाषा के बिना हम अपने भावों को बांट नहीं सकते। अतः हमें सदा ही साहित्य का दामन पकड़े रहना चाहिए।इसके साथ ही उन्होने विद्यार्थियों को पुस्तकें पढ़ने एवम लिखते रहने के लिए भी प्रेरित किया। प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने रेयांश को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा विद्यालय के अन्य विद्यार्थियों को भी ऐसी प्रतियोगिता में भाग लेते रहने की लिए प्रेरित किया।