-जिलाधिकारी उवाच
-कहा ख्याल रख थोड़ा और बेहतर किया जाए तो विदेशी पक्षियों की तरह आएंगे पर्यटक भी
शशिकांत ओझा
बलिया : जैसे भारत का स्वर्ग कश्मीर माना जाता है उसी प्रकार बलिया का कश्मीर और स्वर्ग सुरहाताल ही है। उक्त कहना है जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल का। जिलाधिकारी ने कहा है कि इसे थोड़ा और संवारा जाए तो यह पर्यटन के क्षेत्र में भी बहुत आगे जाएगा। जिससे जिले का यश , रोजगार और समृद्धि बढ़ेगी।
जिलाधिकारी की देखरेख में 10 से 12 दिसंबर तक सुरहाताल में सुरहाताल पक्षी विहार कार्यक्रम आयोजित है । जिलाधिकारी स्वयं पूरे मनोयोग से कार्यक्रम की तैयारी में जुटी हैं। तीन दिवसीय आयोजन से पूर्व कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जिलाधिकारी ने पक्षी विहार कार्यक्रम के शुभंकर का अनावरण किया तथा बारीकियों पर ध्यान दिया। नाविकों को प्रशिक्षण भी दिलाया। कहा कि सुरहा ताल के विकसित हो जाने से यहां के मछुआरा समुदाय के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आय भी बढ़ेगी। साथ ही इस क्षेत्र के लोगों का विकास होगा। उन्होंने कहा कि हम सब का प्रयास होना चाहिए कि हम सब मिलकर सुरहा ताल को सुरक्षित रखें जिससे कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिले। कहा कि जिस प्रकार धरती पर अगर कहीं जन्नत है तो वह कश्मीर में है उसी प्रकार जनपद में अगर कहीं स्वर्ग है तो वह सुरहा ताल है।
साइबेरियन पक्षियों के लिए भी जाना जाता है ताल
जिलाधिकारी ने कहा कि सुरहा ताल अपने साइबेरियन पक्षियों के लिए जाना जाता है। यह ताल कई किलोमीटर में फैला हुआ है। ठंड के मौसम में विदेश से उड़कर पक्षी यहां आते हैं। पक्षियों की संरक्षा और पर्यावरण की संरक्षा का ख्याल रखा जाए तो यहां और पक्षियों का रेला आएगा और दृश्य मनोहर होगा।