


-स्वास्थ्य विभाग की पहल
-नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की खुराक
-बढ़ेगी रोग-प्रतिरोधक क्षमता, रतौंधी अंधेपन व कुपोषण से होगा बचाव

शशिकांत ओझा
बलिया : जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र से ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। शुभारंभ सीएमओ डा. विजयपति द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ.सुजीत कुमार यादव एवं उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ शशि प्रकाश ने भी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई और उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित किया।



सीएमओ ने बताया कि जनपद में नौनिहालों को कुपोषण मुक्त रखने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है जो एक महीने तक चलेगा। बच्चों में विटामिन ए की कमी से रतौंधी, अंधापन, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, गंभीर तथा लम्बे समय तक बीमारियों का खतरा बना रहता है। इसी उद्देश्य के तहत वर्ष में दो बार छह-छह माह के अंतराल में अभियान का आयोजन किया जाता है। बताया कि बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए विटामिन ए जरूरी है। नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को हर छह माह के अंतराल पर उम्र के सापेक्ष विटामिन-ए की खुराक दी जाती है।



इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रतौंधी एवं अंधापन से बचाव होता है। कुपोषण से बचाव एवं त्वचा के रोग और अन्य दूसरे रोगों से बचाव करने में भी विटामिन-ए सहायक होता है। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. शशि प्रकाश ने बताया कि नौ से 12 माह के बच्चे को विटामिन ए की एक मिली (एमएल) खुराक नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान मीजल्स रूबेला (एमआर) के पहले टीके के साथ, 16 से 24 माह के बच्चों को विटामिन ए की दो मिली खुराक एमआर के दूसरे टीके के साथ और दो से पाँच साल के बच्चों को छह-छह माह के अंतराल पर विटामिन ए की दो मिली खुराक पिलाई जाती है।



यह दवा छाया यूएचएसएनडी व वीएचएसएनडी दिवस सत्रों के माध्यम से बच्चों को दी जाएगी। इस कार्यक्रम का संचालन एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किया जाएगा। बच्चों को दी जाने वाली सभी खुराक की एंट्री ई-कवच पोर्टल और मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड पर की जाएगी।