
शशिकांत ओझा
बलिया : क्षेत्र के छितौनी में स्थित सुप्रसिद्ध छितेश्वर नाथ शिव मंदिर परिसर के पोखरा में लगभग दो सौ कुंतल से अधिक मछलियां मर गयी है। तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रंग-बिरंगी मछलियों की मौत से लोग अवाक रह गये। छितेश्वर नाथ स्वच्छता समिति के सदस्यों ने घटना की जानकारी डीएम रविन्द्र कुमार और मत्स्य अधिकारी को दी। हालांकि कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा।

मंदिर पर गुरुवार की सुबह पूजन-अर्चन करने पहुंचे लोगों की नजर पोखरा में उतराई मरी मछलियों पर पड़ी तो वे दंग रह गये। देखते ही देखते पोखरा के आसपास ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। मंदिर स्वच्छता समिति के सदस्यों ने पोखरा से मरी मछलियों को बाहर निकाला। घटना से मत्स्य विभाग को अवगत कराया गया, लेकिन कोई जिम्मेदार पहुंचा ही नहीं। वहीं, मत्स्य विभाग के एक बाबू ने किसी जानकार से मंदिर स्वच्छता समिति के सदस्यों से बात कराया, जिनकी सलाह के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। मंदिर स्वच्छता समिति के सदस्य पोखरा में पानी छोड़ने के साथ ही कुछ दवा भी पोखरा में छोड़ रहे है, ताकि शेष मछलियों को बचाया जा सकें। मछलियों को बचाने की जुगत में मंदिर के मुख्य पुजारी भानदेव दास के अलावा मनोज दूबे, धर्मेंद्र दूबे, सोनू दूबे, विनोद दूबे, अशोक पासवान, दसई राम, बबलू पासवान इत्यादि जुटे हुए हैं।

बहुत ही पौराणिक तीर्थ स्थल है
छितौनी स्थित छितेश्वर नाथ मंदिर बहुत ही पौराणिक तीर्थ स्थल है। यहां भक्तों की भीड़ हमेशा रहती है। मंदिर परिसर में बहुत बड़ा एक पोखरा है। पोखरा में वर्षों से रंग बिरंगी मछलियां अठखेलियां करती है। पोखरे की मछलियों को कोई भी जाल आदि से खाने के लिए बाहर नहीं निकालता। मंदिर आने वाले श्रद्धालु मछलियों को दाना खिलाने के साथ ही उनकी अठखेलियों संग खेलते है। समिति के मनोज दूबे ने बताया कि पोखरे की लगभग 50 प्रतिशत मछलियां मर चुकी है।
