-वृहद वृक्षारोपण महाभियान
-मंत्री उपेंद्र तिवारी और मंडलायुक्त ने किया अभियान का शुभारंभ
-ग्राम्य विकास विभाग ने सर्वाधिक साढे 11 लाख लगवाए
बलिया: वृहद वृक्षारोपण महाभियान के तहत रविवार को जिले में कुल 31 लाख 81 हजार 340 पौधे लगाए गए। इसमें वन विभाग ने अपने लक्ष्य 38 लाख 91 हजार के मुकाबले 11 लाख 59 हजार पौधे रोपे, जबकि अन्य 17 विभागों ने 20 लाख 22 हजार 140 पौधे लगाए। इन 17 विभागों को करीब 24 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें सबसे ज्यादा ग्राम्य विकास विभाग ने 11 लाख 62 हजार पौधों का रोपण हर ग्राम पंचायतों में कराया।
महाभियान का शुभारंभ प्रदेश सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी ने चितबड़ागांव मशसे और जिले के नोडल अधिकारी कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने सरयां गांव में आम, आंवला आदि का पौधा लगाकर किया। उन्होंने लोगों से भी यह अपील किया कि पौधे लगाने के साथ उनका संरक्षण के प्रति भी संवेदनशील रहें, तभी इस महा अभियान की उपयोगिता सिद्ध होगी। सीडीओ प्रवीण वर्मा, डीएफओ श्रद्धा यादव प्रवीण वर्मा समेत ग्राम प्रधान व अन्य नागरिकों ने भी पंचायत भवन के सामने विभिन्न प्रकार के फलदार पौधे लगाये। मण्डलायुक्त ने वन विभाग के द्वारा जनेश्वर मिश्र सेतु मार्ग पर कराये जा रहे वृक्षारोपण का निरीक्षण किया।
दिवंगत सीएमओ की स्मृति में लगे पौधे
कमिश्नर ने सीएचसी फेफना में दिवंगत सीएमओ जितेन्द्र पाल की स्मृति में आँवले के पौध का रोपण किया। इस अवसर पर वहां उपस्थित सीएमओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद व डाक्टरों ने आंवला, अमलतास, आम आदि के पौधे लगाए। सीएचसी चांदपुर गड़वार पर भी कमिश्नर ने पौधे लगाए।
हर उत्सव में शामिल करें पौधरोपण कार्यक्रम : मंत्री
वृहद वृक्षारोपण महाभियान के तहत खेल मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चितबड़ागांव व उसरौली गांव में पाकड़ एवं आंवला के पौधों का रोपण किया। इसके अलावा उन्होंने सागौन, आंवला, आम, कटहल आदि पौध का वितरण भी किया। इस मौके पर मौजूद लोगों से अनुरोध किया कि हम अपने बेटे-बेटियों के जन्मदिवस या शादी-विवाह आदि कार्यक्रमों पर कम से कम एक पौधे जरूर लगाएं। पौधरोपण कार्यक्रम को अपने हर उत्सव में शामिल करें। कोरोना माहमारी में सभी लोग आक्सीजन के महत्व को देख चुके हैं। हमारे पूर्वजों ने पीपल, पाकड़, बरगद खूब लगाए थे, जिसकी संख्या पहले से कम होती जा रही है। इसे अधिक से अधिक लगाने के साथ इनकी सुरक्षा करने की भी अत्यंत आवश्यकता आ पड़ी है।