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बलिया

…क्या कागजों में ही शहीदों का सम्मान करना जानता है प्रशासन

-विडंबना
-शहीद पं. राम दहिन ओझा स्मारक की बाउंड्री वाल की मरम्मत परिजनों ने ही कराई
-आजादी का अमृत महोत्सव के नाम पर हो रहे आयोजन और खर्च भी

रविशंकर पांडेय
बांसडीह (बलिया) : स्थानीय नगर पंचायत बांसडीह के कस्बा स्तिथ डाक बंगला के समीप शहीद राम दहिन ओझा का एक छोटा सा स्मारक है। प्रतिमा भी लगी है। उनके स्मारक की चहारदीवारी क्षतिग्रस्त थी और उसके लिए प्रशासन से कई बार कहा भी गया पर अंततः उनके परिजनों को ही ठीक कराना पड़ा। उससे साबित हो गया कि सरकार कागजों में ही शहीदों की इज्जत करना जानती है।

लगभग तीन महीनों से शहीद पंडित राम दहिन ओझा के क्षतिग्रस्त बाउण्ड्री वाल के मरमत पर प्रशासन का ध्यान न जाने पर वृहस्पतिवर के दिन शहीद के परिजनों ने ही खुद अपने निजी खर्चे से शहीद पंडित रामदहीन ओझा की बाउंड्री व साफ सफाई कराया। जहाँ एक तरफ केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक शहीदो की वीर गाथा कहने से देश व प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां नही थकती है। हाल ही में दो दिन पहले शहीदों के याद में केंद्र व प्रदेश सरकार के नेतृत्व पर शहीद स्थल पर द्वीप प्रव्जलित कर अमर दीप महोत्सव मनाया गया। उस समय भी स्थानीय प्रशासन का ध्यान क्षतिग्रस्त बाउंड्री वाल पर नहीं गया। एक तरफ शहीदों के नाम सरकार द्वारा विभिन प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है तो वही दूसरी तरफ शहीद के स्मारक स्थल की बाउंड्री वाल बिगत तीन महीनों से क्षतिग्रस्त था जिस प्रशासन का ध्यान नहीं गया। यह देख शहीद परिजनों ने आखिर कार खुद ही अपने निजी खर्चे से क्षतिग्रस्त हुई बाउंड्री वाल को मरम्मत करवाया। वही क्षेत्रवासियों में इसको लेकर वर्तमान सरकार व स्थानीय प्रशासन के प्रति भारी नराजगी है। सनद रहे कि शहीद पं. राम दहिन ओझा की आदमकद प्रतिमा टीडी कालेज चौराहे पर भी लगी है।

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