-बोले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी
बलिया : सच की स्याही और सच की आवाज़ से सरकारों के भ्रष्टाचार, कोरोना कुप्रबंधन, बदइंतजामी से हुए नरसंहार, झूठे दावे, हवाहवाई घोषणाओं की पोल खोलने वाले मीडिया संस्थान भारत समाचार और उसके एडिटिंग एन्ड चीफ ब्रजेश मिश्र एवं स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के कार्यालयों तथा दैनिक भास्कर के ठिकानों पर देशव्यापी इनकम टैक्स के छापे निंदनीय हैं। समाचार एजेंसियों पर इस प्रकार के छापे लोकतांत्रिक ढांचे को बर्बाद कर देंगे। समाचार पत्र और एजेंसियां समाज के मुख्य कमियों को उजागर करते है तथा जन सरोकार की बातें उठातीं हैं। जिससे सरकार सीख लेते हुए सुधार कार्य करती है। लेकिन वर्तमान सत्ता सत्य से डरने वाले लोगों की है और सरकारी तोतो जैसे सीबीआई, आईटी और ईडी के बल पर सत्ता में बने रहना चाहती है। आज की सरकारें लोकतांत्रिक ढांचों को चोट देने वाले लोगों की है सत्य से मुह फेरने वाले लोगों की है। पूंजीपतियों की हितैसी सरकार जनहित के मुद्दों से मुंह फेर चुकी है। और जो कोई भी जनता की आवाज़ उठाता है या लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करता है उससे घबरा कर बर्तमान सत्ता उसे सत्ता के मद में सरकार की कठपुतली मशीनरियों द्वारा तंग करने का काम करती हैं।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी की है उन्होंने गुरुवार को जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सरकारी मशीनरियों द्वारा डराने धमकाने और सत्य को उजागर न करने के उद्देश्य से छापे डाले गए तो अफसोस जाहिर करते हुए कही।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने आपात काल का भी समय देखा है उस आधार पर कह सकता हूं कि ऐसी निरंकुश और डरपोक सरकार देश में आज़ादी के बाद नहीं आई थी। इस सरकार का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में कोई विश्वास नहीं। इसका विश्वास सिर्फ नागपुर में बैठे आकाओं और उनके देश विरोधी एजेंडे में है। मैं लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की जुबान एव लेखनी बंद कराने के उदेश्य से की गई इस छापेमारी की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निन्दा करता हूं। और सरकार को आगाह करना चाहता हूँ कि ऐसी कार्यवाहियों से ही समाज मे क्रांति फूटती है और जब -जब क्रांति होती है उस काल में राज सत्ता में बैठे लोग नेस्तनाबूत हुए है उनका कोई नाम भी लेने वाला नही होता है।