पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जेल भेजने के बाद लखनऊ पुलिस ने उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन दिनों राजधानी लखनऊ में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई पर सबकी निगाह टिकी हुई है। पहला मुकदमा दुष्कर्म पीड़िता को खुदकुशी के लिए उकसाने और इसकी साजिश रचने का दर्ज किया गया। इस मामले में आईपीएस ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
शनिवार को गोमतीनगर थाने में एक और एफआईआर अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम से दर्ज की गई है। जिसमें पुलिस का आरोप है कि गिरफ्तारी के दौरान पति-पत्नी ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने एवं पुलिस बल पर हमला करने का काम किया है। मऊ घोसी लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय का सहायोग करने एवं बलात्कार पीडिता को आत्महत्या के लिए उकसाने और इसकी साजिश में शामिल होने का आरोप प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर लगा है। इस प्रकरण में उनके खिलाफ एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर गोमतीनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस आधार पर लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें आवास से गिरफ्तार कर लिया था। तब पुलिस कार्रवाई का एक वीडियो पूरे प्रदेश में वायरल हुआ था। जिसमें दर्जनों अधिकारी एवं पुलिस कर्मी उनके आवास पर नजर आ रहे थे। वह जबरदस्ती अमिताभ ठाकुर को पुलिस वाहन में बैठाना चाह रहे थे। तब श्री ठाकुर लगातार पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए ऐसे न ले जाने को कह रहे हैं। पुलिस अफसरों से वह किसी अपराध में ले जाने और एफआईआर की कापी दिखाने की जिद्द पर अड़े थे। लेकिन कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं था। इसके बाद कानून का पालन करने पहुंची पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सीधे कोतवाली ले गई थी। पुलिस सूत्रों की माने तो घंटों बंद कमरे में उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद देर शाम मेडिकल कराने के बाद श्री ठाकुर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजा जा चुका है। इन दिनों अमिताभ ठाकुर पर की गई कार्रवाई को लेकर उनके पक्ष और विपक्ष में बहुत कुछ लोग लिख और पढ़ रहे हैं। फेसबुक, ट्वीटर से लेकर अन्य प्लेटफार्म पर लोगों की टिप्पणी पढऩे को मिल रही है। टीवी चैनल भी इसे लेकर सुर्खियों में हैं। अब भी बहुत लोग सवाल कर रहे हैं कि बलात्कार पीड़िता ने अन्य अफसरों पर भी आरोप लगाए थे आखिर उनकी गिरफ्तारी एवं कार्रवाई में इतनी तत्परता प्रशासन ने क्यों नहीं दिखाया। सभी हैरान हैं। सरकार एवं पुलिस प्रशासन के तत्काल एक्शन में आने से। इसका कारण जानने के लिए लोग दिमाग पर जोर दे रहे हैं और हर शहर में कार्रवाई की चर्चा होने लगी हैं…।
आम लोगों का कहना है कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पहले से ही लोगों की आंखों में गड़ रहे थे। घटना एवं गिरफ्तारी से चंद दिनों पहले अमिताभ ठाकुर को जबरदस्ती रिटायर कर दिया गया था। इसके बाद वर्ष २०२२ के यूपी विधानसभा चुनाव में सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान तथा एक नयी पार्टी गठन करने की घोषणा और महराजगंज के गड़े मुद्दे को उखाडऩे और जगजाहिर करने के बाद और नजर पर चढ़ गए थे। इसी बीच वह गोरखपुर में चुनावी तैयारी का शंखनाद करना चाहते थे। लेकिन अब सबकुछ अधर में है। श्री ठाकुर के साथ कानून हाथ में लेने के आरोप में उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पर भी अब मुकदमा हो चुका है।