-बलिया में करते रहे सरकार का कार्य पर लखनऊ की गतिविधियों से रहे काफी दूर
-जिला पंचायत सदस्य चुनाव से भगवान ने रखा दूर तो अध्यक्ष चुनाव से हुए खुद दूर
बलिया: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य, बलिया नगर क्षेत्र से विधायक, संगठनात्मक कार्यों में महारत रखने वाले, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के तेवरों में हुए परिवर्तन से लोग काफी अचरज में हैं। मंत्री उपेंद्र तिवारी और विधायक संजय यादव जहां संगठन और पार्टी के कार्य में लीन दिख रहे हैं वहीं वह सरकारी कामों में। बुधवार को बलिया जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकरण को लेकर लखनऊ का पारा चढ़ा दिखाई दिया मंत्री आनंद इससे दूर जिले में सरकार की उपलब्धि और सरकारी कार्यों में मगन दिखे। हालांकि वे प्रदेश अध्यक्ष के सबसे करीबी माने जाने वाले नेता हैं।
विधायक संजय यादव और मंत्री उपेंद्र तिवारी जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि शिवदयाल को लेकर लखनऊ आए। पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष के हाथों पार्टी की सदस्यता दिलाए। शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाए पर इस पूरी फिल्म से मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल दूर रहे। ऐसा नहीं कि वह बहुत दूर थे वह बलिया में अपने विभाग के कार्य और मंत्री स्वरूप मिले अधिकार का संपादन करते रहे।
जिला पंचायत सदस्य चुनाव से भगवान ने उनको कोविड बीमारी की वजह से दूर रखा और अध्यक्ष चुनाव से वे खुद दूर हो रहे हैं। भाजपा का संभावित अध्यक्ष पद उम्मीदवार नगर विधानसभा का ही है पर मंत्री की दूरी लोगों को सोचने पर विवश कर रही है। हालांकि कुछ के निरर्थक तथ्य भी आ रहे हैं कि अध्यक्ष पद वैकवर्ड आरक्षित है। संजय यादव वैकवर्ड हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी है। मंत्री आनंद जी को इससे क्या। हालांकि इस सवाल का कोई मतलब नहीं। जिला पंचायत अध्यक्ष पार्टी और सरकार दोनों की उपलब्धि और लक्ष्य है।