बलिया : उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित विगत 07 जून से 30 जून तक संचालित 20 दिवसीय द्वितीय स्तरीय संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यशाला का समापन सफलतापूर्वक हुआ। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ (भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन) के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है जिसके माध्यम से निरंतर विगत कई वर्षों से संस्कृत भाषा के उत्थान और प्रचार-प्रसार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत देव भाषा संस्कृत का विकास और प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत संस्थान कटिबद्ध है। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र के कुशल नेतृत्व में वर्तमान समय में सम्पूर्ण भारतवर्ष के साथ-साथ विदेशी संस्कृत अनुरागियों को नि:शुल्क २०दिवसीय सरल संस्कृत भाषा शिक्षण का ज्ञान प्रदान कर सुसंस्कृत करने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में नागेश दुबे द्वारा सामाजिक जन, इंजीनियर, डाक्टर, वकील, महिला, गृहिणी प्रोफेसर्स, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और छात्रों आदि को २०दिवसीय प्रथम एवं द्वितीय स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसमें सभी संस्कृत प्रेमियों ने शिष्टाचार, प्रतिदिन बोले जाने शब्दों, विभक्तियों, प्रत्ययों सहित व्याकरण और सम्भाषण के नियमों के बारे जानकर कर अपनी संस्कृत भाषा की क्षमता के साथ -साथ स्वयं का भी विकास किया। उन्होंने ये भी बताया कि लोगों में संस्कृत के प्रति दिन- प्रतिदिन रुचि बढ़ रही है। आनलाइन कक्षा में नौकरी पेशे वाले लोग भी सुबह शाम भाग ले रहे हैं। योजना को यशस्वी बनाने के लिए योजना के क्रियान्वयन गण में प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र, सहायक शिक्षण प्रमुख सुशील कुमार एवं योजना सर्वेक्षिका डाॅ. चन्द्रकला शाक्या, प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी द्वारा कक्षाओं का निरीक्षण एवं प्रशिक्षण सम्बन्धित मार्गदर्शन प्राप्त होता है। ध्यातव्य रहे कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान 20 दिवसीय नि:शुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रमाण पत्र भी प्रदान करता है। उक्त समापन सत्र में समूचे देश से प्रतिभागियों ने गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन प्रतिभाग किया।