-अध्यक्ष जिला पंचायत चुनाव
-बलिया में कठिन डगर, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दिख रही बड़ी भयंकर चुनावी तकरार
-सत्ता पक्ष ने सुप्रिया यादव को उतारा मैदान में तो विपक्ष का अंबिका चौधरी पर दाव
-मुख्यमंत्री योगी ने अपने शूरमाओं पर तो अखिलेश ने अपने योद्धाओं को मैदान में है उतारा
बलिया : चुनाव की पूर्व संध्या वाले दिन की रात को कत्ल की रात कहते हैं। यही रात असली समीकरण तय करती है तो पहले से तैयार खेल को ध्वस्त भी करती है। अध्यक्ष जिला पंचायत के चुनाव के लिए दो जुलाई की रात कत्ल की रात है। देखना रोचक होगा कि कौन किसे मार देता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए राह कठिन दिख रही है कारण कि भयंकर चुनावी तकरार दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने शूरमाओं को लगा सुप्रिया यादव पर बाजी लगाई है तो अखिलेश ने अपने योद्धाओं को आगे कर अंबिका चौधरी पर ही दाव खेल दिया है। उनके पुत्र आनंद को सपा ने उम्मीदवार बनाया है।
चुनावी दौर में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला है। पक्ष ने विपक्ष पर तो विपक्ष ने पक्ष को घेरे में लिया है। चुनावी कत्ल की रात में वह सदस्य भी जिले में रहेंगे जो घूमने के नाम पर जिले से बाहर थे। ऐसे में यदि सत्ता उन तक पहुंच गई तो समीकरण क्या होगा यह तीन जुलाई की शाम को ही पता चलेगा। विधानसभा का चुनाव सिर पर है इसलिए सत्ता और विपक्ष दोनों ने इसे प्रतिष्ठा बनाया है। हालांकि परिणाम किसी के पक्ष में जाए इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि यह वैसा ही आयोजन साबित होगा जैसे शादी गांव से नाकर फाइब स्टार होटल से कर दिया गया और आयोजक की कमर ही टूट गई।