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पढ़िए इस कवियत्री की कविता को

तेरे बिन कुछ भी तो नहीं है…

तेरे बिन कुछ भी तो नहीं है

ना हंसी में खुशी, ना मौन में शांति।

ना जीवन में जिंदगी, ना भावनाओं में एहसास।

तेरे बिन कुछ भी तो नहीं है

ना रातों में नींद, ना आंखों में ख्वाब।

ना सपनों में उड़ान, ना उड़ान में मंजिल।

तेरे बिन कुछ भी तो नहीं है

ना कोई जिद ना कोई चाह, ना कोई मंजिल, ना कोई राह

खिलखिलाते चेहरे के पीछे, मूक तन्हा अकेला दिल

सच ही तो है

तेरे बिन कुछ भी तो नहीं……

अनुपमा दुबे

रायपुर, छत्तीसगढ़