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जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनी पूर्व जयंती

-पूर्व प्रधानमंत्री जयंती

-विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार का कुलपति ने किया विधिवत भूमिपूजन

शशिकांत ओझा

बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के निर्माण का भूमिपूजन भी विधिविधान से कुलपति ने किया।

चंद्रशेखर जयंती के दिन प्रातःकाल विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के निर्माण हेतु कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने शास्त्रीय विधि से भूमिपूजन किया। भूमिपूजन के पश्चात प्रशासनिक भवन में जननायक चंद्रशेखर को नमन करने के बाद ‘लोक स्मृतियों में जननायक चंद्रशेखर’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता डाॅ. गणेश कुमार पाठक, पूर्व प्राचार्य, अमरनाथ मिश्र पी जी कालेज, दुबे छपरा ने कहा कि चंद्रशेखर ने सदा सिद्धांतों की राजनीति की। अलोकप्रिय होने के खतरे उठाते हुए भी उन्होंने मूल्यों की रक्षा हेतु कठोर निर्णय लिए। हथेलियों में काँटे चुभोकर भी वे गुलाब बोते रहे। उन्होंने जीवन भर समाजवादी मूल्यों के लिए संघर्ष किया। कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारत में मर्यादा पालन को सदा महत्त्व दिया गया। प्रभु श्रीराम इसीलिए जन-मन में विद्यमान हैं।

चंद्रशेखर जी ने भी राजनीति में सदैव मर्यादा को महत्त्व दिया। उनमें भारतीयता के गुण पूरी तरह समाहित थे। विषय प्रवर्तन करते हुए प्रो. अशोक कुमार सिंह, निदेशक, चंद्रशेखर नीति अध्ययन केन्द्र ने चंद्रशेखर जी के जीवनवृत्त का विस्तार से वर्णन किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. प्रमोद शंकर पाण्डेय, अतिथि स्वागत डाॅ. प्रवीण नाथ यादव, सहायक निदेशक एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. छबिलाल ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव एसएल पाल, प्रो. अशोक सिंह (भूगोल), डाॅ. पुष्पा मिश्रा, निदेशक, शैक्षणिक आदि प्राध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।