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यक्ष प्रश्न : क्या थानाध्यक्ष सिकंदरपुर दिनेश पाठक का भी गिरेगा विकेट!

शशिकांत ओझा

बलिया : जनपद के नरही थाने पर हुई कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री ने बलिया की पुलिस को ठीक करने का जिम्मा आईपीएस विक्रांत वीर को देते हुए बलिया भेजा। चार्ज लेते हुए ही विक्रांत वीर ने बलिया पुलिस को दुरुस्त करने का अभियान भी शुरू किया। पुलिस अधीक्षक की मिशन औचक निरीक्षण एक्सप्रेस ट्रेन और तबादला, निलंबन मेल खूब चली भी। लोगों को लगा भी की व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त हो जाएगी पर एक सिस्टम आज समाज में यक्ष प्रश्न की तरह खड़ा है। क्या सिकंदरपुर थानाध्यक्ष दिनेश पाठक भी पुलिस अधीक्षक की रडार पर आएंगे और उनका भी विकेट गिरेगा।

सिकंदरपुर में उप निरीक्षक दिनेश पाठक लंबे समय से थानाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हैं। क्षेत्र में सभी पर लोकतंत्र से इतर राजतंत्र के राजा की तरह कार्य करना इनकी शैली है। वे अपनी मर्जी के मुताबिक कार्य करना पसंद करते हैं। कोई इनकी राह में आए तो उसको दिक्कत देना इनका अंदाज है। बिहार की सीमा से इनका भी थाना क्षेत्र सटतख है ऐसे में बिहार के साथ चलने वाला गोपनीय व्यवसाय भी धड़ल्ले से चल रहा है। क्षेत्र में हत्या के मामलों को भी गुमशुदगी में दर्ज करना चर्चा का विषय बना हुआ है। समाजवादी पार्टी ने तो एक मामले में इनकी भूमिका बताते हुए आंदोलन तक की बात कही है। पत्रकारों से भी इनकी इबशस बात को लेकर बिगड़ती है कि वे समाचार अपने मुताबिक प्रकाशित कराना चाहते हैं। ऐसे में अब क्षेत्र नहीं जिले में इस बात की चर्चा है कि क्या दिनेश पाठक का जुगाड़ इतना मजबूत है कि वो पुलिस अधीक्षक के रडार में नहीं आएंगे। कुछ सूत्रों का तो यह भी मानना है कि थानाध्यक्ष सिकंदरपुर सिस्टम में नरही रहे पन्नेलाल की तरह अपनी स्थिति मजबूत किए हुए हैं इसलिए निश्चिंत हैं।