-व्यक्तित्व का विकास
-समाजवादी पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में हुए शामिल
-भाजपा उम्मीदवार दयाशंकर सिंह के लिए किया बहुत मेहनत
बलिया : विधानसभा चुनाव 2022 में हर चुनाव की तरह बहुत लोगों ने अपने राजनीतिक दल को परिवर्तित किया पर नगर विधानसभा क्षेत्र में एक परिवर्तन बहुत खास दिखा। दल परिवर्तन और मेहनत ने उस व्यक्ति के वजन को और भारी किया है। मेहनत पर मुहर तो दस मार्च को लग ही जाएगी। हम बात कर रहे हैं दुबहड़ ब्लाक के पूर्व प्रमुख ज्ञानेंद्र राय “गुड्डू” की। इस विधानसभा चुनाव में इनका वजूद और वजन अवश्य बढ़ा है।
दुबहड़ के पूर्व प्रमुख समाजवादी पार्टी के नेता प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री नारद राय के कभी करीबी रहे। बाद में उन्होंने नारद राय का साथ छोड़ दिया। गुड्डू राय वैसे किसी राजनीतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता नहीं रहे पर अपने बड़े भाई सतीश चंद्र कालेज के पूर्व अध्यक्ष अनिल राय के लक्ष्मण की तरह उनके पीछे चलते दिखाई देते थे। अनिल राय को सपा में शामिल करा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने नगर विधानसभा में उनको कार्य करने का संकेत दिया। अनिल राय जी ने पूर्व प्रमुख गुड्डू राय के साथ विधानसभा क्षेत्र में सेवा करनी प्रारंभ की। अनिल राय जी से अधिक क्षेत्र में मेहनत गुड्डू राय की दिखी और वे क्षेत्र में बहुत मजबूती से और उभर गए। सपा ने अनिल राय को टिकट नहीं दिया। बलिया नगर से नारद राय को सपा का टिकट मिला। अनिल राय ने तो इसे बर्दाश्त कर लिया पर गुड्डू राय से यह बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
भाजपा उम्मीदवार दयाशंकर सिंह ने गुड्डू राय से आशीर्वाद मांगा तो गुड्डू राय ने दयाशंकर सिंह का साथ देने का वादा किया। फिर दयाशंकर सिंह ने उन्हें अपना प्रस्तावक बनाया। नामांकन के बाद गुड्डू राय ने मनोयोग से दयाशंकर सिंह और भाजपा के लिए काम करना प्रारंभ किया। बलिया नगर विधानसभा क्षेत्र की स्थिति में अचानक परिवर्तन हुआ और गुड्डू राय की वजह से दयाशंकर सिंह तेजी से बम- बम बोलने लगे। गुड्डू राय ने श्रम करते हुए सपा उम्मीदवार नारद राय के बड़े भाई वशिष्ठ राय और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सियाराम यादव को भाजपा की सदस्यता दिलाई। ज्ञानेंद्र राय गुड्डू की मेहनत चुनाव में दिखी और अब भी दिख रही है। दस मार्च को परिणाम बाथ उस पर मुहर भी लग जाएगी। विधानसभा चुनाव परिणाम निश्चित ही पूर्व प्रमुख गुड्डू राय के वजन को और वजनी कर देगा।