-ईंट भट्ठा कारोबार
-जिले के बहुतेरे संचालक नहीं करते सरकार के पूर्ण मानक को पूरा
-प्रदेश शासन ने शुरु किया अभियान, ईंट भट्ठों पर चलने लगा बुल्डोजर
शशिकांत ओझा
बलिया : ईंट भट्ठा चलाना प्रतिष्ठा और लाभ का व्यवसाय माना जाता है। सरकार के कुछ नियम हैं जो भट्ठा संचालकों को पूरा करना होता है पर बहुतेरे ऐसे हैं जो शासन को ही चूना लगाते हैं। बलिया में भी ऐसे बहुत भट्ठा संचालक हैं जो अपनी दबंगई से नियमों को ताक पर रख भट्ठा चलाते हैं। प्रदेश सरकार ने अब ऐसे संचालकों से कड़ाई से निपटना प्रारंभ किया है। अवैध भट्ठा संचालकों पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुल्डोजर चलने लगा है।
बलिया जिले में भी ऐसे बहुतेरे ईंट भट्ठा संचालक हैं जिनका रायल्टी बाकी है। पालूशन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी नहीं ली गई है। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जांच शुरू हो गई है। भट्ठे जो अवैध हैं उन पर बड़ी कार्रवाई भी हो रही है। यहां तक की भट्ठों पर तैयार कच्ची ईंट को भी प्रशासन नष्ट कर दे रहा है। सरकार की इस कार्रवाई को लेकर जिले के कुछ ईंट भट्ठा संचालक सहमें हैं। देखना है कि जिला प्रशासन कब अवैध भट्ठों पर कार्रवाई शुरू करता है। शासन का मानक पूरा करने वालों को भी इस कार्रवाई की प्रतिक्षा है कारण कि उनका खर्च अधिक है। फर्जी वाले कम खर्च में अधिक लाभ ले रहे हैं।