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-तैयारी छठ पूजा की
-नगर सहित जिले के सभी छोटे बड़े बाजारों में सड़कों के किनारे ही सजी दुकानें
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शशिकांत ओझा
बलिया : बांस की बनी दउरी व सुपली छठ पूजा के महत्वपूर्ण अंग हैं। तीन दिवसीय छठ महापर्व के लिए जनपद भर में जगह-जगह इसकी दुकानों का बाजार अब सजने लगा है।
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बांस के सामान बनाने में माहिर बसफोर समुदाय ने मांग के सापेक्ष अधिक से अधिक दउरी व सुपली के निर्माण में अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं। दूसरी ओर पर्व के पूर्व ही मांग को देखते हुए बांस की कीमतें भी बढ़ गई हैं। जिस तरह से गांवों से बांस की खूंटियां (कोठी) खत्म होती जा रही हैं। आगामी वर्षो में उनके कटने की रफ्तार यही रही तो सुपली और दउरी तैयार करने के लिए बसफोरों को अन्य राज्यों पर निर्भर होना पड़ेगा, इससे उनकी कीमतों में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। छठ में पूजा की सामग्री व पकवान आदि ले जाने के लिए बांस की दउरी का इस्तेमाल होता है। साथ ही सुपली में फल नारियल पकवान आदि रखकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है।