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भाजपा नेताओं का फोकस गुजरात तो सपा नेताओं का मैनपुरी

-चुनाव और उपचुनाव

-दोनों राजनीतिक दल अपनी अपनी प्रतिष्ठा बनाने के लिए पूरे मनोयोग से जुटे।

शशिकांत ओझा

बलिया : इनदिनों लोकतंत्र के ज्ञ में गुजरात विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा चुनाव पूरी दुनिया की नजर में है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रतिष्ठा के लिए जिस तरह गुजरात में जुटी है उसी तरह समाजवादी पार्टी अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए मैनपुरी में पूरे मनोयोग से जुटी है।

चुनाव में परिणाम तो निश्चित ही जनता तय करती है पर अनुमान निश्चित ही पूर्व से लगाए जाने लगते हैं। इस बार पूर्वानुमान की माने तो परिणाम को लेकर भाजपा और सपा दोनों सशंकित हैं। 27 वर्ष का अनवरत शासन गुजरात में भाजपा का है तो मैनपुरी लोकसभा सीट बहुत दिनों से समाजवादी पार्टी के खाते में जाती रही है। आलम यह है कि भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के लिए जिस तरह अपनी पूरी ताकत झोंक दी है उसी तरस समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी के लिए ताकत लगाई है। गुजरात में केन्द्र की पूरी कैबिनेट, प्रांतों के मुख्यमंत्री सहित देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी धुंआधार रैलियां कर रहे हैं तो मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में भी सपा के सभी विधायक, संगठन पदाधिकारी, संग राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जुटे हैं। देखना है कि जनता इनकी मेहनत का सम्मान करती है अपना रंग दिखाती है।