-निकाय चुनाव 2023
-परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और विधायक उमाशंकर सिंह की दिखी ताकत
-नगर पालिका की दोनों सीटों पर निर्वाचित उम्मीदवारों के पक्ष में नहीं था माहौल
शशिकांत ओझा
बलिया : निकाय चुनावों में परिणाम तो प्राप्त हो गए हैं पर परिणामों को में नगर पालिका बलिया और रसड़ा के परिणाम अलौकिक जैसा आया है। नगर पालिका परिषद बलिया में 25 वर्षों बाद भाजपा के कमल का उदय हुआ तो नगर पालिका परिषद रसड़ा में 25 वर्षों बाद कमल अस्त हुआ है। परिणामों में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और विधायक उमाशंकर सिंह की राजनीतिक व सामाजिक ताकत जनपद को दिखी है। कारण की चुनाव बाद भी निर्वाचित हुए उम्मीदवारों के पक्ष में सकारात्मक बात करने से भी लोग परहेज कर रहे थे।
नगर निकाय चुनाव में नगर पालिका परिषद बलिया में भाजपा उम्मीदवार संत कुमार गुप्ता मिठाई लाल निर्वाचित हुए। यहां उनका मुकाबला सपा के उम्मीदवार पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता और निर्दल उम्मीदवार पूर्व चेयरमैन संजय उपाध्याय के साथ था। लक्ष्मण गुप्ता के साथ साथ पूरी सपा टीम और संजय उपाध्याय के साथ पूर्व मंत्री नारद राय ने अपनी ताकत लगाई थी। ऐसे में भाजपा उम्मीदवार मिठाई लाल के चुनाव की कमान मंत्री दयाशंकर सिंह ने स्वयं संभाली। उनके अनुज धर्मेंद्र सिंह ने चुनावी मैनेजमेंट देखा और अंततः सफलता प्राप्त कराई।
बात नगर पालिका परिषद रसड़ा की करें तो यहां 25 वर्षों से चैयरमैन की कुर्सी वशिष्ठ नारायण सोनी और उनकी पत्नी के पास थी। इस बार भी वशिष्ठ नारायण सोनी भाजपा उम्मीदवार थे। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने विनय शंकर जायसवाल को उम्मीदवार बनाया। शुरू से लोग मान रहे थे कि वशिष्ठ नारायण सोनी के पक्ष में ही मतदान होगा और एक बार फिर वही चेयरमैन बनेंगे। विधायक उमाशंकर सिंह की चुनावी विशात के आगे वशिष्ठ नारायण सोनी को चित्त होना ही पड़ा। अंततः परिणाम ने मंत्री दयाशंकर सिंह और विधायक उमाशंकर सिंह के राजनीतिक और सामाजिक ताकत का आभास लोगों को कराया।