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उत्तर प्रदेश देश पूर्वांचल बलिया राज्य

सैकड़ों ने लिया गायत्री मंत्र से दीक्षा, हजारों दीपों से जगमगाया शक्तिपीठ

-गायत्री परिवार अनुष्ठान

-दीक्षा ले जनपद के सैकड़ों लोग बने तपोनिष्ठ श्रीराम शर्मा आचार्य के शिष्य

-शांति कुंज की टीम द्वारा प्रस्तुत संगीतमय प्रवचन सुन मंत्रमुग्ध हुए भक्त

शशिकांत ओझा

बलिया : महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ परिसर में इन दिनों भी बाढ़ आई है। लेकिन यह बाढ़ गंगा नदी के पानी की नहीं गायत्री माता के आस्था की है। वर्ष के प्रथम दिन से प्रारंभ अनुष्ठान में मंगलवार का दिन विशेष रहा। एक तरफ जहां सैकड़ों भक्त गायत्री मंत्र की दिक्षा लेकर तपोनिष्ठ श्रीराम शर्मा आचार्य जी के शिष्य बने वहीं शाम को आयोजित दीपयज्ञ में हजारों दीपों की रौशनी से गायत्री शक्तिपीठ परिसर पूरी तरह जगमगा उठा।

दीक्षा कार्यक्रम

108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दौरान सैकड़ों लोगों ने वेदमूर्ति, युग ऋषि तपोनिष्ठ पं श्रीराम शर्मा आचार्य व वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा के शिष्य बन गायत्री मंत्र की दीक्षा ली। इस दौरान विद्वान आचार्य सर्वेश कुमार शर्मा व यज्ञाचार्य रमेश पटेल की टीम ने विभिन्न संस्कारों के बाद गुरु की महिमा को सविस्तार वर्णित किया। आचार्य सर्वेश कुमार शर्मा ने कहा कि गुरु दीक्षा के साथ में सद्गुरु शिष्य को जीवन लक्ष्य का मार्ग बताया है और मार्ग में आने वाले कठिनाइयों को दूर करते हैं। शिष्य थक जाता है तो सद्गुरु उसे उठने व चलने का शक्ति भी देता है। गुरु एक बार अंगुली पकड़ लेता है तो कभी नहीं छोड़ता है। गुरु शिष्य का निर्माण करता है, सद्गुरु का साथ पाकर स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती, चंद्रगुप्त आदि महान पुरुष बने हैं। गुरु हमें आत्म स्वरूप का भान कराता है। बिना गुरु के कोई भवसागर को पार नहीं जा सकता है। इस लिए हर मनुष्य को गुरु जरुर बनाना चाहिए। गुरु ब्रम्हज्ञानी, तपस्वी, त्रिकालदर्शी, पुण्यात्मा, नि:स्वार्थी, समाजसेवी वह साधक होना चाहिए। इस दौरान संगीत मय प्रवचन कर्ता गुड़सागर जी राणा, कमल सिंह चौहान, कपिल देव यादव आदि ने प्रस्तुत कर भक्तों का मन मोह लिया।

दीपयज्ञ कार्यक्रम

गायत्री शक्तिपीठ परिसर मंगलवार की शाम शहर के 25 वार्डों व 17 ब्लाकों के गायत्री परिजनों के साथ ही सीटी मजिस्ट्रेट डा. सुरेश कुमार ने व्यास पीठ पर स्थित मां गायत्री के चित्र पंचोपचार पूजन करने के बाद दीप प्रज्वलित कर भव्य दीपयज्ञ का शुभारंभ किया। शक्तिपीठ प्रमुख विजेन्द्र नाथ चौबे ने बताया कि 24 हजार से अधिक दीप प्रज्वलित कर यज्ञ किया गया। देवी -देवताओं के निमित्त किया गया। दीप यज्ञ के दौरान अद्भुत व अलौकिक दृश्य देख कर श्रद्धालुगण भाव बिभोर हो गये। माने धरती पर स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी। शांतिकुंज हरिद्वार के आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा दीप प्रज्वलित कराया। एक साथ हजारों दीप प्रज्वलित हुआ तो गायत्री शक्तिपीठ ऊपर से नीचे तक जगमगा उठा। इस दौरान भारत माता, शिव पार्वती का स्वरूप के मनमोहक झांकियां के साथ युवक-युवतीयों ने मशाल जलाकर यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। डमरु, ढोल, त्रिशूल, शंख आदि बच्चों ने झांकियां निकाली। श्रद्धालुओं ने दीप यज्ञ में बढ़ चढ़ कर भागीदारी कर पुण्य लाभ अर्जित किया। दीपयज्ञ के बाद पूरा परिसर दीपों की रौशनी से नहा गया।

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