-सम्मान समारोह और विचार गोष्ठी
-सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, कुलपति कल्पलता पांडेय, पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी, भाजपा नेता मनोज सिंह रहे अतिथि
-अतिथियों सहित जिले भर से आए पत्रकार बंधुओं का आयोजन समिति ने विशेष सम्मान, गदगद दिखे पत्रकार
बलिया : हिन्दी पत्रकारिता दिवस और पूर्व संध्या पर कार्यक्रम तो सदैव होता रहा है पर सोमवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम अब तक के इतिहास में जिले का सबसे बेहतरीन कार्यक्रम हुआ। बापू भवन टाउन हाल में आयोजित हिन्दी पत्रकारिता दिवस आयोजन में जनपद भर के पत्रकारों का ऐतिहासिक सम्मान आयोजन समिति द्वारा किया गया। अतिथियों और समाज में विशिष्ट कार्य करने वाले विशिष्ट जनों को भी सम्मानित किया गया। आयोजन में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय, पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज सिंह आयोजन में बतौर अतिथि शामिल हुए।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर शहर के बापू भवन टाउन हॉल में ‘वर्तमान परिवेश में हिन्दी पत्रकारिता और चुनौतियां’ विषयक विचार गोष्ठी में अपना विचार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बाजारवाद है। जिसके खिलाफ पत्रकारों को लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि सत्य और संकल्प के नींव पर पत्रकरिता की इमारत टिकी है। इसमें हिन्दी पत्रकारिता खरा उतरती है। पत्रकारिता लोकतंत्र को संतुलित करने का सबसे माध्यम है। इसका अतीत बहुत ही श्रेष्ठ है। कहा कि वर्तमान में हिन्दी पत्रकारिता ने नई चुनौतियों को स्वीकार किया है। कहा कि हम दुनिया को परिवार मानते हैं। इसलिए हिन्दी पत्रकारों को बाजारवाद के दौर में अपने को सशक्त बनाएं। बाजारवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने आह्वान किया कि पत्रकारों को अपने लोकभाषा को नहीं छोड़ना चाहिए। सांसद वीरेन्द्र सिंह ने पत्रकार भवन के लिए सांसद निधि से धनराशि देने की घोषणा की। आयोजन की विशिष्ट अतिथि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की परंपरा को जीवित रखने के लिए पत्रकारों को ईमानदारी से प्रयास करने होंगे। कहा कि कोरोना काल में चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों ने अपने सिद्ध भी किया। लोगों को इस महामारी से बचाने के लिए अपने झोंक दिया था।
जब भी समाज को जरूरत पड़े इसे जारी रखना चाहिए। कहा कि पत्रकारों को हमेशा नवीनता, जनरुचि, निकटता के सिद्धांतों पर चलना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों का आह्वान किया कि बलिया की पहचान के लिए पूरी तन्मयता से लिखना चाहिए। यहां सांस्कृतिक विकास और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसे पत्रकार बंधु अपनी लेखनी में शामिल करें। पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी और भाजपा नेता मनोज सिंह, अपृ पुलिस अधीक्षक दयाशंकर तिवारी ने भी अपना सारगर्भित संबोधन प्रस्तुत किया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। स्वागत गीत लोक कलाकार परमहंस सिंह ने प्रस्तुत किया। ग्रामीण पत्रकार एशोसिएशन के जिलाध्यक्ष शशिकांत मिश्र ने स्वागत भाषण किया।
इस अवसर पर वशिष्ठ नारायण सोनी, अवध बिहारी चौबे, सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजी, जितेन्द्र सिंह, डा. अखिलेश राय, शिवकुमार कौशिकेय, शमीम अंसारी ने अपनी बातों को रखा। आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार उपाध्याय, पूर्व प्रमुख वंशबहादुर सिंह, शशि प्रेमदेव, भोला प्रसाद आग्नेय, पंकज राय, शशिकांत ओझा, मंजय सिंह, रजनीकांत सिंह, संदीप सौरभ, अरविंद गांधी, श्याम प्रकाश, सुधीर सिंह, बिजेंद्र सिंह, सिन्धु तिवारी, लालबाबू पांडेय, रजनीश श्रीवास्तव, अनिल सिंह आदि थे। सभी के प्रति धन्यवाद जिला संरक्षक ओंकारनाथ सिंह ने ज्ञापित किया। अध्यक्षता ग्रामीण पत्रकार एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव ने और संचालन जिला संयोजक रंजीत मिश्र ने किया।