
-पब्लिक में चर्चा का विषय
-नगर पालिका के अध्यक्ष मिठाई लाल गुप्ता ने जताई है इस वर्ष ददरी मेला आयोजन में असमर्थता
-मीडिया के समक्ष कहा पिछले आयोजन का प्रदेश सरकार से नहीं मिला एक भी रुपया भुगतान
-नगर पालिका के पूर्व अध्यक्षों के मुताबिक शासन से कभी नहीं मिलता धन, पालिका का ही प्रबंध


शशिकांत ओझा
बलिया : नगर पालिका परिषद के चुनाव में नगर पालिका के उत्तम विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी ने “ट्रिपल इंजन” की सरकार यानी भाजपा का अध्यक्ष बनाने की अपील जनता से की थी। जनता ने भाजपा की बात को मानते हुए नगर के विकास के लिए भाजपा का अध्यक्ष ही चुना। लेकिन भाजपा का अध्यक्ष नगर पालिका का विकास तो छोड़िए बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेला आयोजन में भी असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। ऐसे तो पब्लिक में इन दिनों यक्ष प्रश्न की तरह यह चर्चा है की क्या बलिया में ट्रिपल इंजन की सरकार फेल हो रही है।

बलिया नगर पालिका परिषद के विगत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के संत कुमार गुप्ता “मिठाई लाल” अध्यक्ष निर्वाचित हुए। निर्वाचन के कुछ ही दिनों बाद ददरी मेले का समय आया और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष संत कुमार के नेतृत्व में यह मेला आयोजित हुआ। मेले में चली आ रही कुछ परंपराओं को छोड़ एकाध नहीं परंपराएं भी शुरू हुई। नृत्यांगना सपना चौधरी के नृत्य का कार्यक्रम मेले में सर्वाधिक खर्च और आकर्षण का केंद्र रहा। एक बार पुन: जब ऐतिहासिक दादरी मेले के आयोजन का समय आने वाला है तो नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष संत कुमार गुप्ता मिठाई लाल ने मीडिया के समक्ष आकर यह कहा है की नगर पालिका परिषद बलिया ऐतिहासिक ददरी मेला आयोजन कर पाने में अक्षम है।

कारण पिछली बार के आयोजन का एक भी पैसा मुझे शासन से नहीं मिला है। अध्यक्ष मिठाई लाल ने कुछ आरोप उप जिलाधिकारी सदर अत्रेय मिश्रा पर लगाते हुए का की वर्तमान एसडीएम के पास उस समय अधिशासी अधिकारी का भी चार्ज था और उन्होंने फाइलों पर दस्तखत नहीं किया इसलिए भुगतान नहीं हुआ। नगर पालिका और मुझे पिछले वर्ष मेला आयोजन में बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है। इसलिए हम शासन को पत्र लिखने जा रहे हैं कि हम मेला आयोजित नहीं कर पाएंगे। अध्यक्ष के इस कथन से नगर ही नहीं पूरे जनपद में एक अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो रही है। लोगों में इस बात की चर्चा है की क्या दादरी मिले की परंपरा में ब्रेक लगेगा। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि आखिर मेला आयोजन को लेकर नगर पालिका ने अपनी असमर्थता क्यों जताई है जबकि ददरी मेले के खर्चे में ₹1 का भी सहयोग आज तक कभी भी शासन का नहीं रहा है।

नगर पालिका स्वयं अपने धन से ददरी मेला आयोजित करती है। विषम परिस्थिति हो या सामान्य स्थिति मेल प्रतिवर्ष लगा है और बारी-बारी से अन्य लोग अध्यक्ष भी रहे हैं। मेला सबने लगाया और शासन से पैसा किसी ने नहीं मांगा। ऐसे में ट्रिपल इंजन की सरकार वाले अध्यक्ष का यह कहना की शासन ने धन नहीं दिया इसलिए हम मेला नहीं लगाएंगे हमारा घाटा हुआ है। ऐसे में अब बलिया में इस बात की चर्चा तेज हो गई है की क्या बलिया में ट्रिपल इंजन की सरकार फेल हो गई है।
अध्यक्ष ने बलिया की तुलना पाकिस्तान से भी की थी
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष संत कुमार गुप्ता मिठाई लाल अभी कुछ ही दिनों पहले बलिया की तुलना मीडिया के सामने पाकिस्तान से की थी। उन्होंने कहा कि बलिया की स्थिति पाकिस्तान जैसी है। अध्यक्ष को बलिया में पाकिस्तान जैसा क्या दिखा इस बात की भी बड़ी चर्चा है। उनका कहना था कि लोग टैक्स नहीं देते हैं इसलिए शायद पाकिस्तान की तरह से उनको बलिया में दरिद्रता दिखाई थी या पाकिस्तान की तरह बलिया में उन्हें आतंकवाद की जड़ हथियार और फैक्ट्री या आतंकवादी मुसलमान दिखे थे या तो वही जानते हैं। लेकिन वर्तमान में यह भी यक्ष प्रश्न की तरह बलिया में तैर रहा है।