शशिकांत ओझा
बलिया : समाजवादी दर्शन के आलोक शिखर पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की भारत पैदल यात्रा की 42वीं वर्षगांठ मनाते हुए उनके अनुयायी शनिवार को चार कदम पैदल चले। युवाओं की सहभागिता बहुत मनोयोग से रही।
06 जनवरी 1983 को चंद्रशेखर ने पैदल भारत यात्रा की शुरुआत की थी। पदयात्रा के 42वीं वर्षगाठ पर बलिया में उनके लोगों द्वारा एक यात्रा आयोजित कर वर्षगांठ मनाया गया। यात्रा की शुरुआत सेनानी कुँवर सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इस यात्रा में बलिया के युवाओ ने बढ चढ कर हिस्सा लिया। रास्ते में सैकड़ों लोग चन्द्रशेखर अमर रहे के नारे लगाते जा रहे थे। यात्रा चन्द्ररोखर उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरान्त एक गोष्ठी में बदल गई।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि उनके यात्रा में शामिल रहे ओंकार सिंह प्रदेश अध्यक्ष जद एस ने भारत यात्रा के उद्देश्यों एवं संकल्प को दोहराया । चन्द्रशेखर जी के अनन्य सहयोगी द्विजेन्द्र मिश्र ने युवा तुर्क द्वारा भारत यात्रा के संकल्प निरक्षरता, कुपोषण बेरोजगारी, समाजिक बराबरी पर प्रकाश डाला। गोष्ठी में ओपी श्रीवास्तव जिलाध्यक्ष लोकदल ने कहा कि चन्द्रशेखर जी धुन के पक्के विचारक थे, उन्होने भारत यात्रा कर भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। कार्यक्रम के संयोजक कमलेश सिह पूर्व चेयरमैन ने सभी पदयात्रियों का स्वागत किया। गोष्ठी में मुख्य रूप से श्याम बहादुर सिंह पूर्व चेयरमैन, शाहिद खान, अवलेश सिंह जदयू, विजेंद्र राय, रियाजुदीन राजू , अमित सिंह, अजीत कुमार सिंह, भाजपा नेता जितेंद्र राय, मिन्टू सिंह, हरेन्द्र सिंह, लक्ष्मण यादव, हैप्पी सिंह, परमात्मा यादव, दिलीप सिंह, सुधीर सिंह, मनीष सिंह, शुभम सिंह, प्रशान्त पाण्डेय, रवि सिंह, गोपाल सोनी आदि उपस्थित रहे। कार्यकम की अध्यक्षता अनिल कुमार सिंह प्रदेश अध्यक्ष सजपा चन्द्रशेखर तथा संचालन उपेन्द्र सिंह सचिव चन्द्रशेखर मैराथन समिति ने किया।