
-आफत में अन्नदाता
-कोरंटाडीह पंप कैनाल का जला ट्रांसफार्मर नहर में उड़ रही धूल

शशिकांत ओझा
बलिया : गड़हांचल में धान का प्रमुख साधन कोरण्टाडीह पंप कैनाल है। लेकिन ट्रांसफार्मर जलने से एक हजार एकड़ धान की खेती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जबकि पांच सौ एकड़ खेती पानी टेल तक नहीं पहुंच पाने के कारण नहीं की जाती है।


इस पम्प कैनाल से 14 किलोमीटर दूर तक खेती होती थी लेकिन अब महज तीन किलोमीटर तक ही पानी पहुंच पाता है। 29 जून से पम्प कैनाल बंद हैं जिससे धान की नर्सरी और खेती प्रभावित हो गई है। नसीरपुर मठ के किसान राधामोहन सिंह, गिरिश चंद राय, चून्नू तिवारी, सतीश चन्द्र राय, अशोक कुमार जैसे सैकड़ों किसानों की नर्सरी सूखने लगी है। बताया कि जब 630 केवीए के दो ट्रांसफार्मर थे तो पम्प कैनाल के दोनों मोटर चलते थे तो पानी भरपूर मिलता था लेकिन जबसे 450 केवीए का ट्रांसफार्मर लगा दिया गया तभी से पानी कम मिल रहा है। यदि नहर पूरी क्षमता से चलती और टेल तक पानी पहुंचाती तो हजारों हेक्टेयर खेतों को सिंचाई होती 14 किमी लंबी पंप कैनाल में 8 किमी तो मुख्य नहर है बाकी 6 किमी में तीन माइनर उजियार माइनर, विश्वम्भरपाह माइनर और कालीघाट माइनर हैं। वर्तमान में नहर से सरायकोटा, पखनपुरा, सराय खुर्द, कटफारी,बहोराखास आदि मौजों में ही सिंचाई हो पाती है।

29 जून को ट्रांसफार्मर जलने के बाद 15 जुलाई को लगा और 18 जुलाई को कनेक्शन देते ही फिर जल गया। इस संदर्भ में एसके सोनकर अधिशासी अभियंता लघु डाल गाजीपुर ने बताया कि मैं कल पम्प कैनाल पर गया था बिजली विभाग के अधिकारी भी पहुंचे थे चूंकि ट्रांसफार्मर वाराणसी में मरम्मत किया जाता है सोमवार की रात तक ट्रांसफार्मर पहुंच जाएगा। मंगलवार नहीं तो बुधवार को पम्प कैनाल चालू कर दिया जाएगा।