
-रामशाला चितबड़ागांव
-नगर पंचायत सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने लिया फैसला

शशिकांत ओझा
बलिया : नगर पंचायत चितबड़ागांव में 52 मौजों के आस्था स्थल रामशाला पर रविवार गुरु पुर्णिमा के दिन विश्वामित्र के बंशज कौशिक राजपुतों ने बैठक कर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। हजारों लोगों के आस्था के केन्द्र पवित्र रामशाला के पूजा पाठ एवं देखरेख करने वाले बीते तीन साल से अस्वस्थ चल रहे हरिनारायण सिंह हरी जी गद्दी आसीन गुरु की जगह उनके छोटे भाई शिवप्रकाश नारायन सिंह लल्लू जी को गद्दी सम्भालने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास किया।



जानकारी के अनुसार चितबड़ागाँव क्षेत्र 52 मौजों का आस्था स्थल रामशाला के नाम से जाना जाता है। जहाँ भीखा साहब ‘गुलाल साहब’ हरिलाल साहब आदि गुरुओं की समाधि दी गयी है। इस स्थान पर गुरु पुर्णिमा व विजय दशमी व होली के दिन पुजा होती है। बताया जाता है कि इस गद्दी पर बैठने वाले महंत रामशाले से संबंधित सारी व्यवस्था देखते हैं। परंतु पिछले तीन साल से गद्दी पर आशीन गुरु अस्वस्थ चल रहे हैं एवं व्यवस्था में दिक्कतें आ रही थी। आज गुरु पुर्णिमा के दिन सभी मौजों के कौशिक वंश के लोगों ने उनके छोटे भाई को रामशाला की सारी व्यवस्था को सम्भालने का निर्णय लिया। जिसमें चेयरमैन अमरजीत सिंह, पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह, पूर्व चेयरमैन अभिराम सिंह दारा , गोपाल जी तिवारी, प्रभु शंकर तिवारी, सुमन सिंह, गोपाल सिंह, हीरा सिंह, सभासद शिवमंगल सिंह,ज्ञान प्रकाश सिंह सभासद, धीरेन्द्र तिवारी, पिंटू चौरसिया, सुबाष तिवारी आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।