-स्वास्थ्य विभाग की ओर से
-बेरुआरबाड़ी ब्लॉक के अपाइल ग्राम में लगा फाइलेरिया उन्मूलन कैंप
-फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क के रोगियों को मिली किट
शशिकांत ओझा
बलिया: विकासखंड बेरुआरबाड़ी के अपाइल ग्राम में मंगलवार को फाइलेरिया उन्मूलन कैम्प आयोजित कर 35 फाइलेरिया रोगी सहायता समूह नेटवर्क के सदस्यों (रोगियों) को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) किट प्रदान किया गया। साथ ही फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से आयोजित हुआ। प्रशिक्षण में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है।
इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों मे हाइड्रोसील और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
शुरू में डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं। बताया कि इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल ऑयल, डीजल का छिड़काव करते रहें।
बताया कि वर्तमान में जनपद में लिम्फोडीमा फाइलेरियासिस (एलएफ़) के 4269 मरीज हैं। इन मरीज़ों में से 3309 मरीजों को किट वितरित किया जा चुका है।