
-मामला नगरपंचायत चितबड़ागांव का
-प्राचीन प्रसिद्ध गड़ही का अस्तित्व मिटाने के प्रयास में लगभग सफल हैं भू माफिया
-नगर पंचायत प्रशासन, शासन और पुलिस को भी दिखा ठेंगा
-दस्तावेज ठीक नहीं होने की बात कह राजस्व विभाग ने दिया भू माफियाओं को क्लीन चिट
शशिकांत ओझा
बलिया : उत्तर प्रदेश सरकार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही है। अतिक्रमित जमीनों को खाली भी कराया जा रहा है। पर बलिया जनपद के नगर पंचायत चितबड़ागांव में मामला बिल्कुल इतर दिख रहा है। यहां राजस्व विभाग भू माफियाओं की जेब में बैठ प्रसिद्ध प्राचीन हकीम गड़ही का अस्तित्व मिटाने पर तुला है। नगर पंचायत की इस सम्पत्ति का राजस्व रिकार्ड रिकार्ड ही राजस्व विभाग के दस्तावेज से गायब है। विभाग ने दस्तावेज ठीक नहीं होने की बात कह भू माफियाओं को खुली छूट दी है। पुलिस भी मौन ही है। हकीम गड़ही पर अस्तित्व खोने की कगार पर आ गई है।
नगर पंचायत के इस प्रकरण को देख लग रहा है कि हकीम गड़ही का अस्तित्व समाप्त कर उस पर भूमाफियाओं का कब्जा कराने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग कटिबद्ध है। प्रशासनिक रोक भी टीवी धारावाहिक के ब्रेक की तरह बस क्षणिक दिख रहा है। रात में यहां धड़ल्ले से जेबीसी और ट्रैक्टर चल रहे हैं। नगर पंचायत चितबड़ागांव में तथाकथित भू माफिया अंततः राजस्व विभाग को अपने साथ कर सिस्टम को ठेंगा दिखा रहे हैं। नगर पंचायत की भूमि पर किए जा रहे अतिक्रमण में भू माफिया अपना ट्रैक्टर और जेसीबी दौड़ा रहे हैं। नगर पंचायत की गलियों में रात भर ट्रैक्टर दौड़ रहे हैं। नगर पंचायत के वार्ड नंबर 5 ब्रम्ही बाबा नगर और वार्ड नंबर 13 जयप्रकाश नगर के बीचोबीच स्थित प्राचीन हकीम जी गड़ही पर अतिक्रमणकारियों की बुरी नजर है। इसका अतिक्रमण धडल्ले से किया जा रहा है। पिछले दिनों नगर पंचायत प्रशासन, प्रभारी स्थानीय निकाय ने कार्य रोकवा दिया। मामला निस्तारित होने की बात कही थी। मामला इस तरह निस्तारित हुआ इसकी कल्पना किसी को नहीं थी। नायब तहसीलदार मौके पर गए और कह दिया गड़ही रिकार्ड में ही नहीं है। फिर तो भू माफियाओं को जेसीबी और ट्रैक्टर धड़ल्ले से चलाने का ग्रीन सिंगनल मिल गया।
सीआरओ को एसडीएम ने बताया कार्य रुका हुआ है
इस बाबत प्रभारी नगर निकाय सीआरओ त्रिभुवन ने बताया कि नगर पंचायत हकीम गड़ही पर चल रहे कार्य के बाबत एसडीएम ने बताया कार्य रूका हुआ है। निस्तारण शीघ्र होगा।