-कलियुग में प्रेम की विडंबना
-बेटी को ढूढते ढूढते परेशान मां-बा पहुंचे पुलिस के दरबार में
-अगले ही दिन कोर्ट मैरिज कर दोनों स्वयं पहुंचे थाना बताई बात
शशिकांत ओझा
बलिया : मोहब्बत और जंग में सबकुछ जायज है यह कहावत अंग्रेजी के शायर की अपनी भाषा में लिखी एक बात है पर क्या यह हर जगह जायज साबित होती है। यह यक्ष प्रश्न जैसा ही है। क्या प्रेमी के साथ क्षणिक प्यार युवती को अपनी मां के प्यार और दुलार पर भारी पड़ सकता है। जिले की एक घटना में ऐसा ही हुआ है। लड़की मां के ममतामयी दुलार को ठुकरा प्रेमी के साथ को ही पसंद किया।
भीमपुरा थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली युवती और युवक के बीच काफी दिन से प्रेम संबंध चल रहा था, लेकिन परिवार वालों को इसकी भनक तक नहीं थी। शुक्रवार को अचानक ही प्रेमी युगल गायब हो गए। लड़की के परिजनों ने इसकी शिकायत भीमपुरा थाने में की। उधर, सोमवार को प्रेमी जोड़ा सीधे न्यायालय से कोर्ट मैरिज का कागज लेकर थाने पहुंचा। पुलिस ने इसकी सूचना दोनों के परिजनों को दी। सूचना मिलते ही युवक-युवती के परिजन कुछ लोगों के साथ थाने पहुंचे। अपनों ने युवक-युवती को समझाने का पूरा पूरा प्रयास किया, लेकिन प्रेमी युगल एक दूसरे के साथ जिन्दगी जीने की जिद पर अडिग रहे। युवती की मां यहां तक बोली ‘बेटी तुमको पता भी नहीं होगा कि मैं तुमसे तब से प्यार करती हूं, जब आप इस दुनिया में भी नहीं आई थी।
हमारी सारी उम्मीदें तुम पर ही टिकी है। मां अपनी बेटी को अपने साथ ले जाने की जिद करती रही, लेकिन बेटी ने मां की ममता को ताक पर रख उनकी आंखों के सामने ही अपने प्रेमी के साथ कार में बैठकर रवाना हो गई। चूंकि दोनों बालिग थे, लिहाजा उन्हें अपनी जिंदगी का फैसला करने का उन्हें अधिकार है।